फरीदाबाद में सीबीआई अफसर बन किया डिजिटल अरेस्ट, 81 लाख की ठगी का शिकार हुए सेवानिवृत्त वैज्ञानिक
एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने का नाटक किया और 81 लाख रुपये ठग लिए। अपराधियों ने वैज्ञानिक को डरा-धमका कर पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस लोगों को साइबर अपराध के प्रति सतर्क रहने की सलाह दे रही है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सेक्टर-7डी में रहने वाले राष्ट्रीय सीमेंट एवं निर्माण सामग्री परिषद से सेवानिवृत्त बुजुर्ग विज्ञानी एवं इनकी पत्नी को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 81 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने उन्हें मनी लांड्रिंग व मानव तस्करी का मामला दर्ज होने की धमकी देकर डराया था। मकान में दंपती ही रहते थे, इसलिए इस बारे में किसी को पता नहीं चल सका। वैसे भी ठगों ने यह बात किसी और को बताने के लिए मना कर दिया था।
बेटी-दामाद आए तो खुला राज
जब 18 अक्टूबर को बुजुर्ग दंपती की बेटी व दामाद उनसे मिलने आए तो उन्होंने इस बारे में जिक्र किया। हालांकि, तब तक ठगी हो चुकी थी। साइबर थाना बल्लभगढ़ में मामला दर्ज कर लिया गया है।
साइबर थाने में दी शिकायत
सेक्टर-7डी में रहने वाले विष्णु पद चटर्जी ने साइबर थाने में दी शिकायत में बताया कि उन्हें राष्ट्रीय सीमेंट एवं निर्माण सामग्री परिषद से विज्ञानी के रूप में सेवानिवृत्त हुए करीब आठ साल हो गए हैं। उनकी दो बेटियां शादीशुदा हैं। मकान में वह पनी पत्नी संग रहते हैं।
अनजान नंबर से काॅल आई
14 अक्टूबर की दोपहर को उनके पास अनजान नंबर से काॅल आई। काल करने वाले ने टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट बेंगलुरु से बताया और कहा कि उनके नाम से कई सिम पंजीकृत हैं जिनसे फ्राड हुआ है। इसके बाद फिर से काॅल आई और काॅल करने वाले ने अपने आपको मुंबई सीबीआई से बताया। ठगों ने कहा कि उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग व मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है और उसके खिलाफ जांच की जा रही है।
...यह सुनते ही डर गए बुजुर्ग दंपती
इसके बाद उन्हें वीडियो काॅल की गई और कहा गया कि जब तक वह नहीं कहते काॅल कटनी नहीं चाहिए। यह सुनकर वह डर गए। पत्नी को इस बारे में बताया। ठगों ने उन दोनों को वीडियो काॅल पर रहने के लिए कहा।
बुजुर्ग दंपती को 17 अक्टूबर तक समय-समय पर काफी देर तक ठग वीडियो काल करते रहे और उनकी निगरानी करते रहे। बुजुर्ग दंपती को डरा कर उनके खातों में जमा रकम की पूरी जानकारी ली गई।
दंपती से कहा गया कि सारी रकम को ट्रांसफर करो, जांच पूरी होने के बाद रकम वापस कर दी जाएगी। बुजुर्ग विष्णु ने अपने खातों में जमा 81 लाख की रकम बैंक से आरोपिताें के बताए गए खाते में ट्रांसफर करा दी।
दैनिक जागरण की खबर पढ़कर हुआ था शक
बुजुर्ग ने अपने घर पर दैनिक जागरण समाचार पत्र लगवाया हुआ है। प्रतिदिन अखबार भी पढ़ते हैं लेकिन इसके बावजूद वह ठगी से पहले नहीं समझ सके कि उनके साथ क्या हो रहा है। 18 अक्टूबर को सुबह जब बुजुर्ग ने दैनिक जागरण में साइबर ठगी की खबर पढ़ी तो उन्हें कुछ शक हुआ कि ऐसा तो नहीं कि उनके साथ भी ठगी हो गई है।
जब उनके घर बेटी व दामाद आए तो इस बारे में उनसे बात की। तब कन्फर्म हुआ कि वास्तव में ठगी हो गई है। याद रहे दैनिक जागरण लगातार साइबर ठगी के बारे में समाचार प्रकाशित कर रहा है ताकि लोग जागरूक हो सकें। यदि लोग इन खबरों को देखकर भी सतर्क हो जाएं तो साइबर ठगी से बच सकते हैं।
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