165 किलो वजन, दुर्लभ बीमारी; फरीदाबाद में सफल डुअल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी से युवक को मिला जीवनदान
फरीदाबाद में 165 किलो के एक युवक को दुर्लभ बीमारी के कारण चलने में दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने डुअल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करके उसे नया जीवन दिया। अत्यधिक वजन के कारण युवक की कूल्हे की हड्डियां कमजोर हो गई थीं। सफल सर्जरी के बाद युवक अब सामान्य जीवन जी पाएगा।

सर्वोदय अस्पताल के चेयरमैन डा. राकेश गुप्ता। जागरण
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सेक्टर-आठ के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और दुर्लभ सर्जरी कर सफलता हासिल की है। 27 साल के एक युवक, जिनका वजन 165 किलो था, के दोनों हिप रिप्लेसमेंट किए गए। रोहित नामक यह युवक पिछले कई वर्षों से एवैस्कुलर नेक्रोसिस की समस्या से परेशान थे। यह बीमारी उन्हें कोविड के बाद हुई थी |
इस बीमारी में कूल्हे की हड्डी धीरे-धीरे खराब होने लगती है। चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। वजन अधिक होने पर सर्जरी चुनौतीपूर्ण थी। रोबोटिक नी और मिनिमली इनवेसिव हिप रिप्लेसमेंट विभाग के निदेशक डा. पंकज वलेचा ने इनका एक हिप पिछले साल बदला था, जिससे वह ठीक हो गया। बेहतर परिणाम देखकर वह इस साल अपने दूसरे हिप की सर्जरी के लिए अस्पताल आए थे। जहां मरीज का दूसरा हिप बदला गया और आपरेशन सफल रहा।
डा. पंकज वलेचा ने बताया कि उन्होंने कोशिश की कि पहले मरीज की वजन घटाने की सर्जरी कर के कूल्हे पर भार को कम करें, लेकिन कुछ मेडिकल सीमाओं की वजह से इनकी यह सर्जरी नहीं हो पा रही थी। इनके हिप का दर्द बढ़ता जा रहा था । इसलिए एक-एक करके हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई।
युवक सर्जरी के कुछ दिन में ही अपने नियमित कार्य को करने में समर्थ हो गया। इस तरह की समस्या युवाओं में बढ़ रही है और देश के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ ही अस्पताल में नेपाल और बांग्लादेश से भी मरीज आ रहे हैं।
जीवनशैली बदलने की जरूरत
अस्पताल के चेयरमैन डा राकेश गुप्ता ने बताया कि मोटापा, स्टेरायड का इस्तेमाल, ज्यादा शराब पीना और बीमारी का देर से पता चलना यह सब कूल्हे की हड्डी खराब होने के मुख्य कारण हैंं। डा राकेश गुप्ता ने बताया कि लोगों को जीवनशैली बदलने की जरूरत है। खानपान सही होगा तो वजन भी नियंत्रित रहेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।