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    यमुना में बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए सरकार ने मांगी रिपोर्ट, 13 हजार एकड़ भूमि की फसलें हुई थीं बर्बाद

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 02:49 PM (IST)

    यमुना में आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सरकार ने राजस्व विभाग से दोबारा रिपोर्ट मांगी है, जिससे प्रभावित किसानों में निराशा है। लगभग 13 हजार एकड़ भूमि पर धान, बाजरा और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गईं थीं। किसानों ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान दर्ज कराया था, लेकिन सरकार मुआवजे को लेकर सतर्क दिख रही है। किसानों को अब मुआवजे का इंतजार है।

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    यमुना में आई बाढ़ से फसल नुकसान की रिपोर्ट को सरकार ने दोबारा भेजने के लिए कहा है।

    जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़। यमुना में आई बाढ़ से फसल व अन्य नुकसान की रिपोर्ट को सरकार ने दोबारा से तस्दीक करके राजस्व विभाग से भेजने के लिए कहा है। इससे प्रभावित किसानों दिलों की धड़कन बढ़ गई है और अंदाजा लगाया जा रहा है बहुत ही कम को मुआवजा दिया जाएगा। दोबारा की सूची में काफी किसानों की छटनी कर दी जाएगी।

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    यमुना में अगस्त के आखिर और सितंबर के शुरू में आई वर्षा से किनारे बसे गांव बसंतपुर, जसाना, किडावली, अमीपुर, शिडाक, तिलोरी, अलीपुर, परवरिश, मंझावली, घुडासन, घरोडा, बेला, इमामुद्दीनपुर, शाहजहांपुर, चांदपुर, साहूपुरा खादर, अरुआ, लतीफपुर, दूल्हेपुर, नंगला, मोठूका, छांयसा, छांयसा पंचायती झुग्गी व मोहना की करीब 13 हजार एकड़ भूमि की फसल बर्बाद हो गई। इन फसलों में धान, बाजरा, ईख, ज्वार, सब्जियां शामिल हैं।

    जिन किसानों की फसलों में नुकसान हुआ था, उन्होंने सरकार के नियम के अनुसार ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड किया। बाद में राजस्व विभाग के पटवारियों ने मौके पर पहुंच कर फसलों के नुकसान को तस्दीक करके रिपोर्ट भेजी थी। राजस्व विभाग ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसके अनुसार सरकार मुआवजा नहीं देना चाहती। इसलिए प्रशासन ने नुकसान की दोबारा से जांच व तस्दीक करके नुकसान की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।

    सरकार की बाढ़ से प्रभावित किसानों को उनके फसल व अन्य सामान के नुकसान का मुआवजा देना नहीं चाहती। यही कारण है जो राजस्व विभाग से इस रिपोर्ट को दुरुस्त करके मांगा है। 2023 में आई बाढ के समय तो अब से भी अधिक नुकसान था। तभी सरकार ने फरीदाबाद को नुकसान का एक रुपए मुआवजा के रूप में नहीं दिया। - राकेश त्यागी

    सरकार किसानों की आर्थिक रूप से कभी भी मदद नहीं करना चाहती। 2023 में राजस्व विभाग ने जिले के किसी की भी किसान का नुकसान 24 प्रतिशत से ज्यादा नहीं दिखाया था। 25 प्रतिशत नुकसान का सरकार कोई मुआवजा नहीं देती है। यही कारण था कि जिले को एक रुपए भी आर्थिक मुआवजा नहीं मिला। - इंद्रजीत नंबरदार

    सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट दोबारा मांगी है। यह बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री किसी भी दिन बाढ़ राहत का मुआवजा जारी कर सकते हैं। अब लंबे किसानों को इसका इंतजार नहीं करना पड़ेगा। - मयंक भारद्वाज, एसडीएम