हरियाणा के इस जिले में घग्घर ड्रेन बनी किसानों के लिए मुसीबत, 12 हजार एकड़ खेत हो गए जलमग्न
भट्टू कलां खंड में घग्घर ड्रेन किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। पांच गांवों के 12 हजार एकड़ खेत जलमग्न हैं, जिससे ढाणियों में जीवन कठिन हो गया है। ड्रेन बिना बारिश के ही ओवरफ्लो हो रही है, जिससे किसानों में डर का माहौल है। फसलें बर्बाद हो गई हैं, पेयजल संकट है, और बीमारियाँ फैल रही हैं। रास्तों में कीचड़ से आवागमन बाधित है।

खेत पानी में डूबने से किसानों को नुकसान (फाइल फोटो)
सुरेश सोलंकी, भट्टू कलां। भट्टू कलां खंड के किसानों के लिए घग्घर मल्टीपर्पज ड्रेन बरसात से कहीं ज्यादा बड़ी आपदा बनकर आई है। गदली, रामसरा, दैय्यड़, ढाबी खुर्द और जांडवाला बांगड़ समेत पांच गांवों के 12 हजार एकड़ से अधिक खेतों में आज भी जलभराव है। दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पानी निकासी न होने से यहां ढाणियों में रह रहे परिवारों का जीवन नरक बन गया है।
सबसे बड़ी चिंता यह है कि 500 क्यूसिक क्षमता वाली घग्घर ड्रेन, जो ओटू हैड तक जाती है, वह बिन बरसात ही एक बार फिर ओवरफ्लो होकर बह रही है। ड्रेन में पीछे से लगातार पानी आने के कारण यह फिर से खतरे के निशान पर पहुंच गई है। इससे पूर्व यह ड्रेन गदली, रामसरा और जांडवाला बांगड़ में टूटकर तबाही मचा चुकी है, जिस कारण किसानों में अब फिर से भय का माहौल है। अधिकारियों ने हालांकि खेतों से ड्रेन में पानी डालने पर रोक लगा दी है।
ढाणियों में पेयजल संकट और बीमारियों का डर
गांव रामसरा निवासी कृष्ण कुमार और सुरजीत सिंह ने बताया कि उनकी फसलें तो पूरी तरह बर्बाद हो गईं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या ढाणियों में जीवनयापन की है। 100 से अधिक ढाणियां जर्जर हो गई हैं और 25 से 70 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।
दो माह से अधिक समय से खड़े दुर्गंध भरे पानी से मच्छर पनप रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने फोगिंग तक नहीं करवाई। हरे चारे की समस्या के चलते कई किसान अपने पशुओं को रिश्तेदारों के यहां भेज चुके हैं।
रास्तों में कीचड़ से आवागमन बाधित
ढाबी खुर्द निवासी हरज्ञान और रामसरा निवासी मुकेश कुमार व उनकी माता शिल्पा ने बताया कि रास्तों में भारी कीचड़ और जलभराव के कारण आवाजाही पूरी तरह ठप है। मुकेश की माता शिल्पा ने कहा कि खेतों में बने मकानों में दरारें आ गई हैं और जीवन-यापन मुश्किल हो गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार फसल के साथ-साथ मकानों के नुकसान की भी भरपाई करे।
रिपोर्ट तैयार की जा रही है:पटवारी
इस संबंध में पटवारी अशोक ने बताया कि बरसाती पानी से हुए जलभराव से खेतों और मकानों दोनों की रिपोर्ट बनाई जा रही है, जिसे आधिकारिक आदेशानुसार अपलोड किया जा रहा है।
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