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    तंत्र-मंत्र के चलते तो नहीं की 7 साल के बच्चे की हत्या! कटे मिले बाल; अभी तक सिर और एक पैर ही मिल सका

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 11:31 PM (IST)

    बिलासपुर के पास केएमपी एक्सप्रेसवे पर एक सात वर्षीय बच्चे के कटे हुए अंग मिलने से दहशत फैल गई है। पुलिस को घटनास्थल से बच्चे के कटे हुए बाल भी मिले हैं, जिससे तंत्र-मंत्र की आशंका जताई जा रही है। शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर आक्रोश है।

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    बिलासपुर थाना पुलिस समेत कई टीमों ने घटनास्थल के आसपास काफी दूर तक गुरुवार को चलाया सर्च ऑपरेशन।

    जागरण संवाददाता, पटौदी। बिलासपुर थाना क्षेत्र के गांव उदयपुरी के निकट केएमपी एक्सप्रेसवे के किनारे झाड़ियों में मिले सात वर्षीय मासूम बच्चे के कटे अंगों ने क्षेत्र में दहशत फैला दी है। बुधवार शाम के बाद गुरुवार को पूरे दिन थाना पुलिस व अन्य टीमों ने आसपास के इलाके में गहन तलाशी अभियान चलाया, लेकिन शव के किसी और अंगों की बरामदगी नहीं हो पाई।

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    हालांकि, घटनास्थल से थोड़ी दूर पर बच्चे के बाल कटे हुए पाए गए। इससे आशंका है कि तंत्र-मंत्र के कारण हत्यारोपियों ने बच्चे की हत्या करने के बाद उसके शव के कई टुकड़े किए और उसके सिर के कुछ हिस्से के बाल काटे गए।

    बिलासपुर थाना पुलिस को बुधवार शाम जिस घटनास्थल पर बच्ची के सिर और पैर का हिस्सा मिला था, वहां से करीब सौ मीटर की दूरी पर ही झाड़ियों से कुछ बाल एक कागज में लिपटे हुए पाए गए। वहीं फारेंसिक कर्मियों ने भी जांच में यह पाया था कि बच्चे के सिर के बाल काटे गए थे। इससे हत्या की शक की सुई तंत्र-मंत्र करने वालों पर घूम रही है।

    एफएसएल सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि बच्चे की हत्या करीब पांच से छह दिन पहले की गई। इसके दोनों पैर और दोनों हाथ काटे गए। सिर के साथ धड़ का कुछ हिस्सा था, लेकिन पांच से छह दिनों के दौरान झाड़ियों में पड़े रहने से जानवरों से इसे नोंच खाया।

    जानवरों द्वारा शव को नोचने के निशान पाए गए हैं। हालांकि, शव के हिस्से डिकंपोज होने से यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि शव बच्चे का है या किसी बच्ची का। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि यह शव किसी बच्ची का हो सकता है। अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।

    आसपास के क्षेत्र में तलाशी अभियान

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन मामले के संबंध में कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पटौदी और बिलासपुर थाने में दर्ज मिसिंग रिपोर्ट भी देखी गई, लेकिन क्षेत्रों में कोई बच्चा लापता नहीं मिला। संभावना है कि यह बच्चा नूंह या फिर आसपास किसी और जिले या थाना क्षेत्र का हो सकता है।

    पुलिस ने बच्चे के अंग मिलने की जानकारी आसपास के सभी थानों को भेज दी है और पहचान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। दूसरी ओर ग्रामीणों में इस जघन्य वारदात को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि इतनी क्रूरतापूर्ण घटना क्षेत्र में पहली बार देखने को मिली है और पुलिस को गहराई से जांच करते हुए अपराधी को जल्द पकड़कर कड़ी सजा दिलवानी चाहिए।

    केएमपी पर सीसीटीवी न होने से आ रही मुश्किलें

    अनुमान लगाया जा रहा है कि शव किसी गाड़ी से केएमपी मार्ग से होकर लाया गया होगा। लेकिन केएमपी पर टोल नाकों को छोड़कर कहीं भी सीसीटीवी कैमरे न होने से पुलिस की जांच कठिन हो रही है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि आज के समय में सीसीटीवी कैमरे अपराध रोकथाम और अपराधी तक पहुंचने का सबसे बड़ा माध्यम हैं।

    सरकार को अपराधों पर बेहतर नियंत्रण के लिए सभी मुख्य मार्गों पर स्थान-स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए। ये सीसीटीवी कैमरे सभी मार्गों पर ही नहीं लगाए जाने चाहिए, अपितु नगर परिषद तथा पंचायतों को भी सीसीटीवी कैमरे लगाने में आगे आना चाहिए। यदि सीसीटीवी कैमरे हों तो अपराधियों तक पुलिस के हाथ जल्दी पहुंच सकते हैं।

    सरपंच एकता मंच के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह और पटौदी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष चंद्रभान सहगल ने मांग की है कि सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में स्थान-स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि ऐसी वारदात पर प्रभावी नियंत्रण हो सके।

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