मानसून सीजन में साइबर सिटी में नहीं लगेगी गाड़ियों की लंबी कतार, ट्रैफिक पुलिस ने कर ली ये तैयारी
गुरुग्राम यातायात पुलिस उपायुक्त ने मानसून की तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें जलभराव वाले स्थानों पर क्रेन, हाइड्रा और पुलिसकर्मी तैनात करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों को जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान करने, नालों की सफाई कराने और पंप सेट लगाने को कहा गया। टूटी सड़कों की मरम्मत और अत्यधिक जलभराव की स्थिति में वाहनों को द्वारका एक्सप्रेसवे पर मोड़ने की योजना भी बनाई गई। साथ ही, कंपनियों द्वारा सड़कों पर गंदा पानी छोड़ने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। पुलिस उपायुक्त यातायात डा. राजेश मोहन ने मानसून में होने वाली वर्षा से पहले तैयारियों को लेकर यातायात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ गुरुवार को बैठक की। इस दौरान उन्होंने वर्षा के दौरान जलभराव वाले स्थानों की समीक्षा की और यहां वाहन चालकों की सहायता के लिए क्रेन, हाइड्रा और पुलिसकर्मियों की समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।
बैठक में डीसीपी ट्रैफिक ने कहा कि रात्रि में भी वर्षा के दौरान जलभराव की स्थिति से निपटने और यातायात का सुचारु संचालन कराने के लिए 32 क्रेन, दो हाइड्रा और सौ से अधिक यातायात पुलिस अधिकारी व कर्मचारी रहेंगे। सभी यातायात निरीक्षकों को निर्देश दिए गए कि वे अपने क्षेत्राधिकार में जलभराव वाली जगहों को पहले से ही चिन्हित करें और संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क करके होने वाले जलभराव से पहले ही उस जगह पर बने नाले की सफाई कराएं।
जिन जलभराव वाली जगहों पर पंप सेट लगाकर जल निकासी करानी है, उन जगहों पर पहले से ही पंप सेट लगवाना सुनिश्चित करें। अपने एरिया में टूटी सड़कों के सम्बन्ध में संबंधित अधिकारियों से संपर्क करके उन टूटी सड़कों को दुरुस्त कराएं। जलभराव के दौरान यदि किसी भी स्थान पर वाहन खराब या बंद हो जाते हैं तो उनको तुरंत क्रेन या हाइड्रा की सहायता से टोचन करके सुरक्षित स्थान पर खड़ा करेंगे।
जाम की स्थिति में द्वारका एक्सप्रेसवे पर डायवर्ट होंगे वाहन उन्होंने कहा कि वर्षा के दौरान आमतौर पर अंडरपास में पानी भर जाता है, जिसपर नागरिको की सुरक्षा की दृष्टि से अंडरपास के दोनों ओर इंट्री व एग्जिट पांइट पर बैरिगेटस लगाए जाएंगे।अधिक वर्षा होने पर जलभराव की स्थितियों के अनुसार वाहनों द्वारका एक्सप्रेसवे पर डायवर्ट किया जाएगा, ताकि वाहन चालकों को किसी भी प्रकार की जाम की समस्या का सामना न करना पड़े।
कंपनियों का गंदा पानी छोड़ने पर होगी कार्रवाई डीसीपी ने कहा कि कई बार देखने में आता है कि अधिकतर कंपनियों द्वारा अपना गंदा पानी बाहर रोड पर छोड़ दिया जाता है। जिस कारण जाम जैसी स्थिति का सामना वाहन चालकों को करना पड़ता है
इस गंदे पानी से पैदल यात्रियों व वाहन चालकों को एलर्जी या बीमारियों के होने का भी खतरा बना रहता है। कंपनी मालिकों को पहले से ही सूचित किया जाता है कि वे कंपनियों का गंदा पानी रोड पर न छोड़ें। अगर पानी छोड़ा गया तो कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

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