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    Gurugram News: इंग्लैड की महिला बनकर फेसबुक पर की दोस्ती, रिटायर्ड टीचर से ठगे 11.77 लाख रुपये

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 12:40 PM (IST)

    साइबर ठगों ने गुरुग्राम में एक सेवानिवृत्त शिक्षक को इंग्लैंड की महिला बनकर फेसबुक पर दोस्ती करके 11.77 लाख रुपये की ठगी की। महिला ने भारत आने की बात कहकर उन्हें झांसे में लिया और मुंबई एयरपोर्ट पर पकड़े जाने का नाटक रचकर टैक्स व सिक्योरिटी के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    इंग्लैड की महिला बनकर फेसबुक पर की दोस्ती, रिटायर्ड टीचर से 11.77 लाख की ठगी

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठगों के गिरोह ने गुरुग्राम में रहने वाले एक रिटायर्ड टीचर को झांसे में लेकर 11 लाख 77 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। गिरोह में शामिल महिला ने अपने को इंग्लैंड की बताकर व्यक्ति से फेसबुक पर दाेस्ती की।

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    भारत मिलने आने की बात कहकर उसे झांसे में ले लिया और फिर मुंबई में इमीग्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा रोके जाने पर टैक्स व सिक्योरिटी के नाम पर उनसे रुपये ट्रांसफर कराए गए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना मानेसर पुलिस ने सोमवार को केस दर्ज किया है।

    गुरुग्राम के फरुखनगर में रहने वाले रामनिवास ने साइबर मानेसर पुलिस को दी शिकायत में कहा कि वह शिक्षक पद से रिटायर्ड हैं। बीते दिनों उनके फेसबुक पर विक्टोरिया फिलिप नाम की महिला ने उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी।

    वाट्सएप पर शुरू हुई चैटिंग...

    बातचीत होने के दौरान महिला ने अपने आप को इंग्लैंड की रहने वाली बताया। इसके बाद दोनों में वाट्सएप पर चैटिंग हुई। महिला ने कहा कि वह भारत आकर उनसे मिलना चाहती है। कुछ दिन बाद रामनिवास के पास अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपने आप को मुंबई एयरपोर्ट के एमीग्रेशन डिपार्टमेंट से बताया।

    उसने कहा कि विक्टोरिया फिलिप नाम की महिला को उन्होंने पकड़ा है। उनके पास 58 हजार डॉलर है। इसके लिए उन्हें 37500 रुपये की पेनाल्टी देनी पड़ेगी। एक महिला से भी उनकी बातचीत कराई गई। महिला ने कहा कि वह पैसे भेज दें वह उन्हें आकर दे देगी।

    भरोसे में व्यक्ति ने पहले उन्हें ये रुपये भेज दिए। इसके बाद रामनिवास से कई बार में टैक्स और सिक्योरिटी के नाम पर दस बार में कुल 11 लाख 77 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। ये रुपये पांच अलग-अलग बैंक एसबीआइ, केनरा, आइडीबीआइ, यस और आरबीएल के खातों में भेजे गए। रुपये ट्रांसफर होने के बाद फोन स्विच आफ आने लगे। इस पर उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ।