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    दिल्ली से अलवर तक चलेगी नमो भारत ट्रेन, सरकार योजना को जल्द देगी मंजूरी; तीन चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 10:57 PM (IST)

    गुरुग्राम से खबर है कि दिल्ली-अलवर के बीच नमो भारत ट्रेन चलाने की योजना को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने इसके संकेत दिए हैं। तीन चरणों में कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी और मेट्रो से जुड़ेंगी। इस प्रोजेक्ट से ट्रैफिक का दबाव कम होगा और विकास को गति मिलेगी।

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    दिल्ली से अलवर तक नमो भारत ट्रेन चलाने की योजना को जल्द मिलेगी मंजूरी।

    आदित्य राज, गुरुग्राम। दिल्ली से अलवर के बीच नमो भारत ट्रेन चलाने की योजना को केंद्रीय कैबिनेट से जल्द मंजूरी मिलेगी। यह संकेत केंद्रीय मनोहर लाल ने शुक्रवार को मेट्रो विस्तार के लिए आयोजित भूमि पूजन समारोह के दौरान दिया। इससे उम्मीद की जा रही है जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा क्याेंकि काम शुरू करने की तैयारी पहले से ही हो रखी है। जहां कहीं भी बिजली की लाइनों को शिफ्ट करने की आवश्यकता थी, की जा चुकी है।

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    बिजली के टावर तक शिफ्ट किए जा चुके हैं। यही नहीं रूट पर कहां से पाइप लाइन, सीवर लाइन गुजर रही है, उसके बारे में भी जानकारी हासिल की जा चुकी है। मिट्टी की जांच तक की जा चुकी है। काम शुरू करने के लिए केवल कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार है। प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली से लेकर अलवर तक की तस्वीर बदल जाएगी।

    केंद्र सरकार ने दिल्ली में सराय काले खां से लेकर राजस्थान में अलवर के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर विकसित करने की योजना बनाई है। योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलनी बाकी है। प्रोजेक्ट को विकिसत करने की जिम्मेदारी नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) के पास है।

    तीन चरणों में प्रोजेक्ट को विकसित किया जाना है। पहले चरण में 106 किलोमीटर यानी दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इसके बाद बहरोड़ से सोतानाला तक एवं तीसरे चरण में सोतानाल से अलवर तक कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।

    दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ कॉरिडोर विकसित करने की योजना है। इससे कॉरिडोर के लिए अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उद्योग विहार इलाके को छोड़कर बाकी कहां-कहां स्टेशन बनाए जाएंगे, यह तय हो चुका है। पहले ओल्ड गुरुग्राम के इलाके से भी होकर कॉरिडोर विकसित किया जाना था लेकिन अब दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ ही कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।

    160 किलोमीटर तक की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

    कॉरिडोर पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की रफ्तार से नमो भारत ट्रेनें चल सकेंगी। वैसे औसतन रफ्तार 100 किलाेमीटर होगी। 10 से 15 मिनट के अंतराल पर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होगी। कॉरिडोर को मेट्रो से जोड़ा जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। इसके लिए हीरो होंडा चौक एवं साइबर सिटी के नजदीक आरआरटीएस कॉरिडोर को मेट्रो के कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। कॉरिडोर पर कुल 19 स्टेशन होंगे। बता दें कि मिलेनियम सिटी गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन से आगे साइबर हब तक मेट्रो का विस्तार होना है। हीरो होंडा चौक एवं साइबर हब के नजदीक भी मेट्रो के स्टेशन होंगे।

    दिल्ली व आसपास आबादी का दबाव इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बेहतर नहीं है। दिल्ली या गुरुग्राम में काम करने वाले नजदीक ही रहना पसंद करते हैं। जब आरआरटीएस कॉरिडोर विकसित हो जाएगा फिर दिल्ली में काम करने वाले अलवर तक रहना पसंद करेंगे। इससे अपने आप ही ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा।  - राव विवेक सिंह, चेयरमैन, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ आर्किटेक्ट

    मेट्रो एवं आरआरटीएस कॉरिडोर विकसित होने के बाद साइबर सिटी व आसपास के इलाके में विकास की गति काफी तेज होगी। परिवहन व्यवस्था की मजबूती से विकास की गति तेज होती है। फिलहाल सड़कों के ऊपर ट्रैफिक का इतना दबाव है कि कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में काफी समय लगता है। इससे विकास प्रभावित हो रहे हैं। - विनोद बापना, चेयरमैन, सीआइआइ, गुरुग्राम

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