गुरुग्राम में अवैध धंधे का भंडाफोड़, पुलिस के पहुंचते ही भागने लगे लोग, तीन युवतियां समेत चार गिरफ्तार
गुरुग्राम पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है जो एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठग रहा था। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य एचआर प्रतिनिधि बनकर लोगों को फंसाते थे और फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजकर पैसे ऐंठते थे। मुख्य आरोपी पहले भी जेल जा चुका है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। बेरोजगार युवाओं को एयरपोर्ट पर नौकरी लगवाने का सपना दिखाकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक फर्जी काल सेंटर का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।
पुलिस ने इस काल सेंटर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन युवतियां शामिल हैं। गिरोह के सदस्य खुद को एक कंपनी का एचआर प्रतिनिधि बताकर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा रहे थे।
इसी साल 31 मार्च को एक महिला ने पुलिस थाना साइबर अपराध पूर्व को एक लिखित शिकायत फोन काल के माध्यम एयरपोर्ट पर जाब लगाने का प्रलोभन देकर धोखाधड़ी से ठगी करने के संबंध में दी थी।
साइबर थाना पुलिस अभियोग अंकित करके मामले में जांच कर रही थी। सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध विकास कौशिक ने बताया कि पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए उपरोक्त अभियोग में चार आरोपितों को मंगलवार शाम दिल्ली के बदरपुर में लाल कुआं इलाके से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के तिलका गढ़ी गांव निवासी राजू, दिल्ली के जामिया नगर निवासी सायमा बानो, जैतपुर निवासी निहारिका एवं हौज खास निवासी करिश्मा के रूप में की गई।
उनसे 13 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। अभियोग में आगामी कार्रवाई के लिए आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से आरोपित राजू को दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अभियोग में जांच चल रही है।
जेल से बाहर आकर दोबारा करने लगा साइबर ठगी
पुलिस की जांच में सामने आया कि उपरोक्त आरोपित राजू पहले दवाई बेचने का काम करता था। एयरपोर्ट पर जाब दिलाने के साइबर फ्राड करने में संलिप्त था, जिसके चलते वर्ष-2023 में पुलिस द्वारा इसे गिरफ्तार किया गया था।
जेल से बाहर आने के बाद यह बेरोजगार हो गया और इसने फिर से एयरपोर्ट पर जाब दिलाने के बहाने साइबर फ्राड का काम शुरू करने के लिए एक फर्जी काल सेंटर चालू कर दिया।
युवतियाें को 12 हजार रुपये वेतन
एयरपोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी की आरोपित तीनों युवतियों (निहारिका, सायमा बनो व करिश्मा) को काल सेंटर पर काम करने के लिए 12 हजार रुपये की सैलरी व साइबर फ्राड से प्राप्त होने वाली राशि का दो प्रतिशत के कमीशन पर रखा था।
राजू ने उपरोक्त आरोपित युवतियों को काल करने के लिए एक-एक कीपैड फोन व व्हाट्सएप मैसेज करने के लिए एक-एक स्मार्टफोन दे रखा था। एक महीने बाद उन फोन व सिम कार्ड को तोड़ देता था और नए सिम कार्ड व फोन दे देता था।
विश्वास दिलाने के लिए देते थे फर्जी ज्वाइनिंग लेटर
आरोपित युवतियां संचालक राजू द्वारा दिए गए फोन नंबर्स पर फोन करके एयरपोर्ट पर जाब दिलाने के लिए काल करती थीं। जब भी कोई व्यक्ति इसके जाल में फंस जाता तो ये उसे विश्वास में लेने के लिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजती थीं।
उनसे फीस के नाम पर 750 रुपये का भुगतान कराया जाता था। इसके बाद धीरे-धीरे विभिन्न प्रकार की फार्मेलिटीज के नाम पर रुपये ट्रांसफर करवा लेती थीं।

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