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    गुरुग्राम में 9 करोड़ की लूट की कहानी: इंस्टाग्राम पर एक-दूसरे से मिले थे बदमाश, डकैती से पहले कई बार की थी रिहर्सल

    Gurugram Robbery Case गुरुग्राम में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में हुई डकैती की साजिश इंस्टाग्राम पर रची गई थी। आरोपियों ने गोहाना में कई बार रिहर्सल की। 16 अगस्त को पांच हथियारबंद बदमाशों ने साढ़े आठ किलो सोना और साढ़े आठ लाख रुपये लूट लिए। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है।

    By Vinay Trivedi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 21 Aug 2025 10:34 AM (IST)
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    Gurugram Robbery: डकैती के मामले में पकड़े गए तीन आरोपित पुलिस गिरफ्त में। सौ. पुलिस पीआरओ

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। Gurugram Robbery Case : मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शीतला माता रोड स्थित शाखा में डकैती डालने की वारदात एक दिन की प्लानिंग से नहीं की गई, बल्कि इसकी साजिश कई दिनों तक रची गई।

    आरोपितों ने सोनीपत के गोहाना में डकैती की कई बार रिहर्सल की। हालांकि, इस दौरान मास्टरमाइंड उपस्थित नहीं रहा। उसने फोन से ही अपने सेकेंड मैन को सारे निर्देश दिए। मास्टरमाइंड ने इंस्टाग्राम के जरिए इस डकैती में शामिल रहे लोगों को जोड़ा था।

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    शीतला माता रोड स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन की इसी शाखा में हुई थी वारदात। जागरण आर्काइव

    मास्टरमाइंड अभी तक फरार

    पुलिस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए तीनों आरोपितों से मास्टरमाइंड का नाम मोनू बताया है। हालांकि, यह कितना सही है, यह तो मास्टरमाइंड के पकड़े जाने के बाद ही पता चलेगा। क्योंकि पूछताछ में पता चला कि कभी मास्टरमाइंड इन लोगों से मिला ही नहीं।

    शाखा में जो आरोपित सरदार की वेशभूषा में आया था, वह इस साजिश में दूसरा सूत्रधार है। अभी यह भी पुलिस पकड़ से दूर है। पूछताछ में पता चला कि मास्टरमाइंड ने कुछ महीने पहले दस लोगों की टीम बनाई थी। इसमें तीन लोग रेकी करने वाले थे।

    चार ऊपर जाकर लूटपाट करने में शामिल रहे। दो ने निगरानी की थी। इन लोगों की मीटिंग कुछ दिन पहले सोनीपत के गोहना में हुई थी। यहीं रिहर्सल की गई और साजिश रची गई।

    क्या है पूरा मामला?

    मणप्पुरम शाखा में 16 अगस्त की शाम पांच हथियारबंद बदमाश ऑडिटर बनकर घुसे थे। लॉकर रूम जब खोला गया तो बदमाश पिस्टल के बल पर यहां से साढ़े आठ किलो सोना और साढ़े आठ लाख रुपये की नकदी ले गए थे।

    तीन बदमाशों ने पिस्टल के बट से कर्मचारियों व गार्ड के सिर पर प्रहार भी किया था। हालांकि, इस घटना में एक और बात हुई थी, यह अभी तक सभी से छिपी हुई थी। लूटपाट के बाद जब एक बदमाश जेवरों से भरा बैग उठा रहा था तो उसके पास मौजूद पिस्टल से गोली चल गई थी। यह गोली उसे के हाथ में लगी थी।

    पुलिस जब इस मामले में आरोपितों तक पहुंची तो इसकी जानकारी मिली। भागने के दौरान सायरन बजने से गोली चलने की आवाज शायद उसमें दब गई, इसलिए कर्मचारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं थी। जिसे गोली लगी उसका नाम मनीष है। पुलिस ने उसे भी पकड़ा हुआ है।

    सूत्रों के अनुसार फिलहाल उसका इलाज गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में चल रहा है। इलाज के बाद उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने अभी तक इस मामले में तीन आरोपितों सोनीपत के गोहना के बुसाणा गांव के सन्नी उर्फ सुनील, सोनीपत के सिवानखा गांव के मोहन उर्फ मोना और करनाल के फुरलक गांव के राहुल उर्फ बहरा को गिरफ्तार किया था।

    तीनों आरोपितों को चार दिन के रिमांड पर लिया

    इन तीनों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने माल की बरामदगी और अन्य साथी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए रिमांड मांगा। कोर्ट ने तीनों आरोपितों को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा। पुलिस प्रवक्ता एएसआइ संदीप कुमार ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है। जल्द ही माल की बरामदगी और अन्य साथियों को पकड़ लिया जाएगा।