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    Gurugram News: तेंदुए की मौत से खुली विभाग की नींद, वन्य जीवों को सुरक्षित करने के लिए मानेसर घाटी में बनेगी दीवार

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 12:07 PM (IST)

    मानेसर घाटी में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर दीवार बनाने का फैसला किया है। यह निर्णय तेंदुए की मौत के बाद लिया गया जहां पिछले कुछ सालों में पाँच तेंदुए मारे गए थे। घाटी में 400-500 मीटर लंबी और 8 फीट ऊंची दीवार बनाई जाएगी ताकि वन्यजीव सुरक्षित रह सकें और दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।

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    गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर मांगर के नजदीक वाहन की चपेट में मौत का शिकार हुआ तेंदुआ। जागरण आर्काइव

    आदित्य राज, गुरुग्राम। मांगर के नजदीक गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर 29 अगस्त की रात वाहन की चपेट में आने से हुई एक तेंदुए की मौत ने वन विभाग की नींद खोल दी है। जहां से भी वन्य जीव हाईवे क्रास करते हैं, वहां पर 400 से 500 मीटर लंबी दीवार बनाई जाएगी।

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    दीवार की ऊंचाई आठ फीट होगी। शुरुआत मानेसर घाटी से की जाएगी। घाटी के दोनों तरफ घनी हरियाली की वजह से काफी संख्या में वन्य जीव इलाके में रहते हैं। वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को क्रास करते रहते हैं। कुछ सालों के दौरान पांच तेंदुए की मौत मानेसर घाटी में हाईवे पर हो चुकी है।

    कई सालों से पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा अरावली पहाड़ी क्षेत्र से गुजरने वाली सड़कों में पुलिया का प्रविधान करने और पुलिया के ऊपर यानी सड़क के दोनों तरफ किनारे दीवार बनाने की मांग की जा रही है।

    मांग को देखते हुए तीन साल पहले मानेसर घाटी में दीवार बनाने की बजाय जाली लगा दी गई। देखरेख न करने की वजह से जाली भी खत्म हो गई। इससे हर पल मानेसर घाटी में हादसा होने की आशंका रहती है। मांगर के नजदीक 29 अगस्त की रात हुए हादसे के बाद वन विभाग की हर तरफ किरकिरी हो रही है।

    विभाग में अधिकारियों की फौज है। वन्य जीवों पर नजर रखने के लिए अलग से विभाग में शाखा है। पर्यावरणविद् डा. आरपी बालवान कहते हैं कि जिन अधिकारियों की सीधी जिम्मेदारी है, उनके विरुद्ध जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक वन्य जीव मरते रहेंगे। वन्य जीवों की मौत को सीधे तौर पर अधिकारियों की लापरवाही मानी जाए।

    बढ़ रही है वन्य जीवों की संख्या

    पिछले कुछ सालों से अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन से लेकर अवैध निर्माण करने पर काफी हद तक रोक लगी है। इससे वन्य जीवों के अनुकूल माहौल फिर से बनने लगा है। वन विभाग का मानना है कि माहौल बनने से वन्य जीवों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

    जहां वर्ष 2017 के दौरान तेंदुए की संख्या केवल 31 थी, अनुमान है कि अब बढ़कर 50 से अधिक हो चुकी है। इसी तरह अन्य प्रकार के वन्य जीवों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। माना जा रहा है कि इस बार लगातार मानसून सक्रिय है।

    अरावली पहाड़ी क्षेत्र में जहां भी गड्ढे हैं, सभी पानी से लबालब हो गए हैं। इससे सभी इलाकों में हरियाली तेजी से बढ़ेगी। इससे वन्य जीव कुछ इलाकों की जगह कई इलाकों में रहना पसंद करेंगे। इसे देखते हुए वन्य जीवों की सुरक्षा के ऊपर काफी ध्यान देने की जरूरत है।

    दिल्ली-जयपुर हाईवे, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड ही नहीं बल्कि जितनी भी सड़कें अरावली से होकर गुजरती हैं, उन सभी में पुलिया (जहां से वन्य जीव सड़क पार करते हैं) का प्रविधान करना होगा।

    फिलहाल अधिकतर वन्य जीव बंधवाड़ी, वजीराबाद, मांगर बनी, मानेसर, कासन, रायसीना, ग्वालपहाड़ी, मंडावर, भोंडसी, सांप की नगली, शिकोहपुर, दमदमा, फिरोजपुर झिरका इलाके में हैं। इनमें भी अधिकतर वन्य जीव मानेसर, कासन, मांगर, मंडावर, ग्वालपहाड़ी, भोंडसी इलाके में हैं।

    मानेसर घाटी में हाईवे के दोनों तरफ आठ फीट ऊंची दीवार बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यहां पर दीवार बनाने के बाद अन्य जगह पर दीवार बनाई जाएगी। जाली को लोग तोड़ देते हैं। दीवार को तोड़ना आसान नहीं होगा।

    मांगर के नजदीक जहां पर पिछले सप्ताह हादसा हुआ है, वहां भी दीवार बनाने से पहले सर्वे कराया जाएगा। बाकी सड़कों का भी सर्वे कराया जाएगा। वाहनों की चपेट में आने से वन्य जीवों की मौत दुखद है। यही नहीं जहां से भी वन्य जीव सड़क पार करते हैं उससे कुछ मीटर पहले बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि लोग अपने वाहन की स्पीड कम कर लें।

    -  डॉ. सुभाष यादव, वन संरक्षक

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