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    11 साल बाद मां बनने वाली महिला के परिवार में छाया मातम, नवजात शिशु की मौत पर जमकर हंगामा

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 02:46 PM (IST)

    गुरुग्राम के एक अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। उनका कहना है कि समय पर इलाज मिलने से बच्चे को बचाया जा सकता था। 11 साल बाद मां बनने वाली महिला के परिवार में मातम छा गया। एसएमओ ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।

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    नवजात की मौत स्वजन ने अस्पताल परिसर में किया हंगामा

    संवाद सहयोगी, सोहना (गुरुग्राम)। गुरुग्राम में नागरिक अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई। स्वजन ने चिकित्सक ओर स्टाफ नर्स पर प्रसव के समय लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। आरोप है कि समय रहते इलाज मिलता तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। यह भी आरोप है कि ड्यूटी के दौरान डाक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं थे। नर्स व अन्य स्टाफ महिला की डिलीवरी करा रहे थे।

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    हाजीपुर निवासी शमशेर ने बताया कि उनकी रिश्तेदार कोमल को सोमवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर सोहना नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डाक्टर की अनुपस्थिति में नर्स ने डिलीवरी का प्रयास किया।

    अस्पताल में डाक्टरों द्वारा बार-बार बताया गया कि महिला की स्थिति सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है। दोपहर लगभग तीन बजे डाक्टरों ने अचानक यह कहा कि बच्चा गर्भ में उल्टा है और तुरंत उसे एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जैसे ही स्वजन एंबुलेंस की व्यवस्था कर अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे की मृत्यु हो चुकी है। इस सूचना से आहत स्वजन ने जब स्पष्टीकरण मांगा तो अस्पताल स्टाफ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

    11 साल बाद कोमल बनने वाली थी मां

    पीड़ित महिला के स्वजन ने बताया कि कि कोमल को 11 वर्षों बाद संतान सुख प्राप्त होने वाला था। घर में सब खुश थे लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। घटना के बाद कोमल और उसके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

    वहीं, घटना के संबंध में स्वजन ने एक लिखित शिकायत वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) डा. रणविजय को दी तथा निष्पक्ष जांच कर लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी।

    इस बारे में वरिष्ठ चिकित्सक डा. रणविजय ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। जो भी स्टाफ दोषी पाया जाएगा। उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।