रैपिड मेट्रो की जिम्मेदारी GMRL को हस्तांरित करने की प्रक्रिया शुरू, 62 लाख यात्रियों ने Metro से किया सफर
हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड ने गुरुग्राम रैपिड मेट्रो को जीएमआरएल को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जब तक पूरी जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाती डीएमआरसी और जीएमआरएल मिलकर काम करेंगे। अप्रैल से जुलाई 2025 तक 62.49 लाख यात्रियों ने रैपिड मेट्रो का उपयोग किया जिससे राजस्व में वृद्धि हुई। दिल्ली-रोहतक और गुरुग्राम-नोएडा कॉरिडोर पर भी काम चल रहा है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड (एचएमआरटीसी) ने गुरुग्राम रैपिड मेट्रो को दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) से गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बताया गया कि जब तक गुरुग्राम रैपिड मेट्रो की पूरी जिम्मेदारी जीएमआरएल को नहीं सौंप दी जाती, तब तक इसका संचालन और रखरखाव डीएमआरसी और जीएमआरएल द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
वहीं, हस्तांतरण को सुचारू बनाने के लिए संयुक्त समितियों का गठन किया गया है और संदर्भ की शर्तें (टीओआर) तय कर दी गई हैं। इसके लिए एक व्यापक कार्यप्रणाली और निश्चित समय-सीमा को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है, ताकि संचालन का हस्तांतरण सुचारू रूप से हो सके और यात्रियों की सेवाओं में भी कोई व्यवधान न आए।
सोमवार को चंडीगढ़ में हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की 62वीं बोर्ड बैठक में हस्तांतरण को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने की।
वहीं, बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम रैपिड मेट्रो ने अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच बेहतर प्रदर्शन दर्ज किया है। इस अवधि में कुल 62.49 लाख यात्रियों ने मेट्रो सेवा का उपयोग किया, जो वर्ष 2024 की समान अवधि की तुलना में 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। किराया राजस्व में भी 11.87 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जो इस प्रणाली की कुशलता और विश्वसनीयता के प्रति जनता के भरोसे को दर्शाता है।
एचएमआरटीसी के प्रबंध निदेशक डा. चंद्रशेखर खरे ने बताया कि बेहतर परिचालन दक्षता के कारण कारपोरेशन ने परिचालन व्यय में 6.33 प्रतिशत की कमी दर्ज की है, जिससे वित्तीय स्थिति और संतुलित हुई है। एचएमआरटीसी ने गैर-किराया स्रोतों से भी आय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। किराये, विपणन और विज्ञापन अधिकारों से होने वाली आय अप्रैल से जुलाई 2025 के दौरान 21.11 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 15.56 करोड़ रुपये थी।
केवल मेट्रो वायाडक्ट और पिलर्स पर 22 विज्ञापन स्थलों की सफल ई-नीलामी से ही 58.34 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व की उम्मीद है, जिसमें से एचएमआरटीसी का हिस्सा 35 करोड़ रुपये से अधिक होगा। बैठक में क्षेत्र में चल रही कई महत्वपूर्ण मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने प्रस्तावित दिल्ली (मुनीरका)-रोहतक नमो भारत कॉरिडोरकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर काम शुरू कर दिया है। यह महत्वाकांक्षी कॉरिडोरदिल्ली आइजीआइ टर्मिनल 1, 2 और 3, यशोभूमि (द्वारका सेक्टर-25), नजफगढ़, बहादुरगढ़ और रोहतक को जोड़कर सहज क्षेत्रीय कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
इसी प्रकार गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा नमो भारत कॉरिडोरके डीपीआर पर कार्य शुरू हो चुका है। दिल्ली-पानीपत-करनाल नमो भारत कॉरिडोरभी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसकी संशोधित डीपीआर इस समय केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय के पास विचाराधीन है। शुरुआती तौर पर दिसंबर 2020 में 103.02 किमी और 17 स्टेशनों के साथ मंजूर हुई इस परियोजना का विस्तार अब 136.30 किमी और 21 स्टेशनों तक किया गया है।
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संशोधित डीपीआर के अनुसार, इसकी लागत 33,051.15 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें हरियाणा का हिस्सा लगभग 7,472.11 करोड़ रुपये होगा। यह परियोजना प्रदेश के लिए बेहतर वित्तीय और आर्थिक लाभ सुनिश्चित करेगी। बैठक में परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, नगर एवं ग्राम आयोजना और शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, वित्त विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन आदि मौजूद रहे।
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