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    Delhi-Mumbai Expressway: राजस्थान को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का मिल रहा गजब का फायदा, लोग एक दिन में कर ले रहे ये काम

    By Aditya Raj Edited By: Geetarjun
    Updated: Sun, 28 Jan 2024 08:16 PM (IST)

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) की वजह से राजस्थान के पर्यटन स्थलों का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है। खासकर सरिस्का जयपुर रणथंभौर जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे मुख्य कारण है डेढ़ घंटे में सरिस्का व तीन से साढ़े तीन घंटे में रणथंभौर पहुंचना है। पहले सरिस्का ही जाने में तीन से चार घंटे लग जाते थे।

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    दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे का गुरुग्राम दौसा भाग।

    आदित्य राज, गुरुग्राम। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) की वजह से राजस्थान के पर्यटन स्थलों का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है। खासकर सरिस्का, जयपुर, रणथंभौर जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे मुख्य कारण है डेढ़ घंटे में सरिस्का व तीन से साढ़े तीन घंटे में रणथंभौर पहुंचना है।

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    पहले सरिस्का ही जाने में तीन से चार घंटे लग जाते थे। रणथंभौर बाघ अभयारण्य तक जाने में सात से आठ घंटे लग जाते थे। इस वजह से राजस्थान के पर्यटन स्थलों को देखने के लिए लोगों को पूरा प्लान बनाना था। अब एक ही दिन में घूमकर आ जाते हैं।

    कब समय गुजर जाता है पता ही नहीं चलता

    देश-विदेश के कई पर्यटन स्थलों का आनंद उठा चुके दिल्ली के पंजाबी बाग निवासी राजकुमार एवं जय सिंह कहते हैं कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे जैसा एक्सप्रेस-वे देश के भीतर गिने-चुने हैं। एक बार इसके ऊपर चढ़ने के बाद कहीं ब्रेक लगाने की आवश्यकता महसूस नहीं होती। सरिस्का तक जाने में घंटों लग जाते थे। अब कब पहुंच जाते हैं, पता ही नहीं चलता।

    रणथंभौर बाघ अभयारण्य (Ranthambore Tiger Reserve) तक पहुंचते-पहुंचते लोग थक जाते थे। इस वजह से अधिकतर लोग अगले दिन घूमने का प्लान करते थे। कुल मिलाकर तीन से चार दिन का प्लान बनाना पड़ता था। अब एक ही दिन में भी रणथंभौर से घुमकर आ सकते हैं। समय के साथ-साथ पैसे की बचत हो रही है। ईंधन की बचत अलग से होती है।

    डूंगरपुर तक एक्सप्रेस-वे तैयार

    दिल्ली से मुंबई के साथ-साथ कई शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के उद्देश्य से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इसकी शुरुआत सोहना के नजदीक गांव अलीपुर से हो रही है। अलीपुर से राजस्थान में डूंगरपुर तक के भाग पर वाहन दौड़ने लगे हैं।

    इस वजह से राजस्थान में अलवर, सरिस्का, जयपुर से लेकर रणथंभौर तक कम से कम समय में पहुंचना आसान हो गया है। एक्सप्रेस-वे पर शनिवार एवं रविवार को वाहनों की संख्या में छह से सात हजार तक की बढ़ोतरी हो जाती है। प्रतिदिन औसतन 21 से 22 हजार वाहन एक्सप्रेस-वे से गुजरते हैं। शनिवार एवं रविवार को वाहनों की संख्या 26 से 27 हजार तक पहुंच रही है।

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक मुकेश कुमार मीणा का कहना है कि शनिवार और रविवार को एक्सप्रेस-वे पर अन्य दिनों की अपेक्षा दबाव काफी रहता है। इसे देखते हुए सक्रियता बढ़ा दी गई है। निर्धारित स्पीड से अधिक स्पीड में लोग वाहन न चलाएं, इसके लिए कर्मचारी राउंड मारते रहते हैं। वैसे जबसे ऑनलाइन चालान करने का सिस्टम शुरू हुआ है, निर्धारित स्पीड में ही लोग वाहन चलाते हैं।

    मेवात के इलाके में एक्सप्रेस-वे के किनारे कुछ लोग वाहन खड़े कर देते हैं। इससे हादसा होने की आशंका रहती है। बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से कारें चला सकते हैं।

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की तरह ही सभी एक्सप्रेस-वे को विकसित करना चाहिए। कुछ विकसित किए भी गए हैं। इससे समय व पैसे दोनों की बचत होगी। पर्यटन स्थलों का आकर्षण बढ़ेगा। शनिवार एवं रविवार को सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होता है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर शनिवार व रविवार को वाहनों का बढ़ता दबाव यह दर्शाता है कि बेहतर सुविधा है। -जेएस सुहाग, पूर्व तकनीकी सलाहकार, एनएचएआई