Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुर्लभ प्रवासी पक्षियों से गूंजा सुल्तानपुर उद्यान, 'लार्ज टेल्ड नाइटजार' और 'यूरेशियन हाबी' ने दी दस्तक

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 05:54 PM (IST)

    सुलतानपुर राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ प्रवासी पक्षी 'लार्ज टेल्ड नाइटजार' और 'यूरेशियन हाबी' पहुंचे हैं। इन पक्षियों के आगमन से उद्यान की जैव विविधता ...और पढ़ें

    Hero Image

    फाइल फोटो

    महावीर यादव, बादशाहपुर। मौसम में हल्की ठंडक का अहसास होते ही सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट गूंजने लगी है। चार साल बाद दुर्लभ प्रवासी पक्षी लार्ज टेल्ड नाइटजार देखा गया है। इसके अलावा यूरोप और मध्य एशिया से आने वाला शिकारी पक्षी यूरेशियन हाबी भी इस बार पक्षी प्रेमियों के कैमरे में कैद हुआ है। करीब 142 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली झील प्रमुख बर्ड सेंक्चुरी स्थल है। नवंबर से जनवरी तक यहां देश-विदेश से हजारों बर्डवाचर और फोटोग्राफर पहुंचते हैं। इस बार नाइटजार और हाबी जैसे दुर्लभ पक्षियों का दिखना पक्षियों के आगमन का बेहतर संकेत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    150 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी

    हर साल सुल्तानपुर झील में करीब 150 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। इनमें से कई प्रजातियां साइबेरिया, रूस, यूरोप, चीन और अफगानिस्तान से लंबी उड़ान भरकर यहां आती हैं। इन पक्षियों का आगमन अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू होकर फरवरी के अंत तक रहता है। यह समय इनके लिए प्रजनन और विश्राम दोनों के लिए अनुकूल माना जाता है।

    अनुकूल जलवायु और भरपूर भोजन

    मुख्य प्रवासी पक्षियों में ग्रेटर फ्लेमिंगो, बार-हेडेड गूज, पिंटेल, नार्दर्न शोवलर, कामन टील, स्पूनबिल, व्हाइट स्टार्क, ओपनबिल्ड स्टार्क, पेलिकन, ग्रीब, कामन सैंडपाइपर, और रेडशैंक जैसी प्रजातियां शामिल हैं। इनमें से कई पक्षी हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां के अनुकूल जलवायु और भरपूर भोजन के कारण ठहरते हैं।

    दो वर्षों में आई है गिरावट

    वन्यजीव प्रेमी अनिल गंडास का कहना है कि इस साल वर्षा और झील में जलस्तर संतुलित रहने से पक्षियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों में जल की कमी और बढ़ती गतिविधियों के कारण प्रवासी पक्षियों की संख्या में गिरावट देखी गई थी। इस बार शुरुआती संकेत उत्साहजनक हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह में है प्रवासी पक्षी दिखने लगे हैं।

    2021 में मिला रामसर साइट का दर्जा

    सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 2021 में अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट) के रूप में मान्यता मिली थी। प्रदेश की पहली ऐसी साइट है। जिसे पर्यावरणीय दृष्टि से वैश्विक स्तर पर संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। करीब 142.5 हेक्टेयर में फैला यह उद्यान प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास और बेहतर आश्रय स्थल माना जाता है। रामसर दर्जा मिलने के बाद यहां संरक्षण कार्यों को गति मिली है।

    पर्यटकों के लिए बेहतर इंतजाम

    "सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। अगले 10 से 15 दिनों में काफी संख्या में पक्षियों के आने की संभावना है। झील में प्रवासी पक्षियों का दीदार करने के लिए आने वाले लोगों के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं।"

    -आरके जांगड़ा, मंडलीय वन्यजीव अधिकारी

    यह भी पढ़ें- नूंह में 6 महीने बाद भी नहीं मिला RTI का जवाब, अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कर रहे तैयारी