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    दिल्ली समेत देश के 18 शहरों में चलेगी वाटर मेट्रो; वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज में जल्द शुरू होगी तैयारी

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 10:49 PM (IST)

    दिल्ली समेत देश के 18 शहरों में वाटर मेट्रो चलाने की योजना बनाई जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत, वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज जैसे शहरों में भी जल्द ही वाटर मेट्रो की तैयारी शुरू हो जाएगी। इसका उद्देश्य शहरों में परिवहन को सुगम बनाना और पर्यटन को बढ़ावा देना है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    आदित्य राज, गुरुग्राम। कोच्चि में वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट की सफलता के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश के वाराणसी, अयोध्या एवं प्रयाग राज में सुविधा विकसित करने के ऊपर काम शुरू होगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कोच्चि रेल मेट्रो लिमिटेड को सहमति दे दी है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। रिपोर्ट तैयार होते ही डीपीआर के ऊपर काम शुरू होगा। उत्तर प्रदेश के बाद कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड नामक कंपनी दिल्ली में भी वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट के ऊपर काम करेगी। यमुना में वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट की अपार संभावनाएं हैं।

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    कई राज्यों में वाटर मेट्रो की है संभावना

    देश के सभी राज्यों से होकर कई नदियां गुजरती हैं। कई राज्यों के अधिकतर शहरों के बीच से नदियां गुजर रही हैं। परिवहन व्यवस्था के दृष्टिकोण से इन नदियों के बेहतर उपयोग को लेकर कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड ने वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट के ऊपर काम शुरू किया है।

    इसकी शुरुआत कोच्चि से ही की गई है। कोच्चि में 78 किलोमीटर लंबा काॅरिडोर होगा। काॅरिडोर के 38 टर्मिनल न केवल तैयार हो चुके हैं बल्कि वाटर मेट्रो की सुविधा का लाभ यात्री उठा रहे हैं। 25 अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया था। तब से अब तक 50 लाख लोग इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं।

    दिल्ली में भी वाटर मेट्रो यात्रियों की नहीं कमी

    ऑडिट से साफ हाे चुका है कि प्रोजेक्ट में किसी भी स्तर कमी नहीं है। इसे देखते हुए अब अन्य शहरों में प्रोजेक्ट विकसित करने की योजना कंपनी ने बनाई है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश के वाराणसी, अयोध्या एवं प्रयागराज में फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

    कंपनी अगले कुछ सालों के भीतर देश के 18 शहरों में काम करेगी। इनमें दिल्ली, अहमदाबाद, पटना एवं मुंबई के नाम भी शामिल हैं। इन सभी शहरों में वाटर मेट्रो के लिए यात्रियों की कमी नहीं है।

    कई नदियों में उपलब्ध हो सकती है सुविधा

    वाटर मेट्रो चलाने के लिए बहुत अधिक गहरे पानी की आवश्यकता नहीं होती बल्कि डेढ़ से दो मीटर भी गहरा पानी है तो उसके ऊपर वाटर मेट्रो की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। इतना पानी हमेशा ही अधिकतर नदियों में रहता ही है। इसे देखते हुए देश के अधिकतर नदियों में वाटर मेट्रो की सुविधा विकसित करने के ऊपर काम हो सकता है।

    न जमीन की जरूरत न प्रदूषण का डर

    अब कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड सभी संबंधित सरकारों से संपर्क कर रही है। उत्तर प्रदेश की तरह ही बिहार सरकार ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर दिलचस्पी दिखा रही है। बिहार की राजधानी पटना के नजदीक गंगा में पहलेजा घाट से लेकर वैशाली जिले के बिदुपुर तक वाटर मेट्रो की सुविधा उपलब्ध कराए जाने से लाखों लोगों को लाभ होगा। इसी तरह दिल्ली इलाके की यमुना में वाटर मेट्रो से काफी लाभ होगा। इसके लिए न जमीन की आवश्यकता होगी और न ही प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा।

    वाटर मेट्रो के बारे में जानने को उत्सुकता

    होटल हयात रिजेंसी में आयोजित अर्बन मोबिलिटी इंडिया कान्फ्रेंस में मेट्रो प्रोजेक्ट से संबंधित अधिकतर कंपनियों ने अपनी प्रदर्शनी लगा रखी हैं। इसमें कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट के बारे में जानने की दिलचस्पी काफी लोगों में दिखी। कंपनी ने स्टाल पर ही ऐसी व्यवस्था कर रखी है जिससे लोग वाटर मेट्रो की सुविधा का अनुभव कर सकते हैं।

    पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

    "देश में वाटर मेट्रो की अपार संभावनाएं हैं। कई राज्य सरकारों ने इस प्रोजेक्ट को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। उत्तर प्रदेश के तीन शहरों में प्रोजेक्ट को लेकर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तेजी से तैयार की जा रही है। वहां की सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी उत्साहित है। इससे उम्मीद है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश में वाटर मेट्रो का सपना साकार होगा। कोच्चि वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट हर स्तर पर सफल हो चुका है। यह प्रदेश का पहला वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट है। यह प्रोजेक्ट पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है। केंद्र चाहती है कि वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट के ऊपर तेजी से काम हो। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए जमीन की आवश्यकता नहीं।"

    -संजय कुमार, निदेशक (सिस्टम्स), कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड

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