ओलिंपिक पदक विजेता लवलीना के वर्ल्ड बाक्सिंग चैंपियनशिप में सीधे चयन को अरुंधति ने दी कोर्ट में चुनौती
बाक्सर अरुंधति चौधरी ने वर्ल्ड बाक्सिंग चैंपियनशिप में टोक्यो ओलिंपिक पदक विजेता लवलीना के चयन को अदालत में चुनौती दी है। अरुंधति का कहना है कि लवलीना की तरह वह भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं इसलिए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में चयन सीधे तौर पर नहीं बल्कि ट्रायल के आधार पर हो

ओपी वशिष्ठ, रोहतक : रोहतक स्थित राष्ट्रीय बाक्सिंग अकेडमी की बाक्सर अरुंधति चौधरी ने वर्ल्ड बाक्सिंग चैंपियनशिप में टोक्यो ओलिंपिक पदक विजेता लवलीना के चयन को अदालत में चुनौती दी है। अरुंधति ने नेशनल बाक्सिंग में गोल्ड मेडलिस्ट के चैंपियनशिप भेजने को आधार बनाया है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी, इसके बाद ही भारतीय बाक्सिंग संघ 70 किलोग्राम भार वर्ग में खिलाड़ी का नाम भेजने पर विचार करेगा।
शिक्षा नगरी कोटा (राजस्थान) की अंतरराष्ट्रीय बाक्सर अरुंधति ने हाल ही में हरियाणा के हिसार में आयोजित राष्ट्रीय महिला बाक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया था। नेशनल में गोल्ड जीतने वाले 11 बाक्सरोें का चयन तर्की की राजधानी इस्तांबुल में होने वाले विश्व महिला बाक्सिंग चैंपियनशिप के लिए कर लिया गया था। लेकिन 70 किग्रा भार वर्ग में भारतीय बाक्सिंग संघ लवलीना को भेजना चाहता है क्योंकि टोक्यो ओलिंपिक में उसने देश के लिए पदक जीता था।
लेकिन अरुंधति ने लवलीना के साथ ट्रायल करने की मांग भारतीय बाक्सिंग संघ के अध्यक्ष अजय सिंह को पत्र लिखकर की थी। लेकिन भारतीय बाक्सिंग संघ ने इस मांग को खारिज कर दिया। अरुंधति ने ट्रायल की मांग खारिज होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई बुधवार सुबह दस बजे होगी। यहां बता दें कि अरुंधति चौधरी एशिया की बेस्ट बाक्सर का खिताब भी जीत चुकी है। तीन अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल उसके नाम है और हाल ही में राष्ट्रीय और यूथ वर्ल्ड बाक्सिंग महिला चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीत चुकी है। राष्ट्रीय बाक्सिंग चैंपियनशिप में राजस्थान से एक ही बाक्सर को पदक मिला है, जो अरुंधति के नाम पर है।
अरुंधति ने यह बनाया आधार
राष्ट्रीय बाक्सिंग अकादमी रोहतक में पिछले दो सालों से अरुधंति बाक्सिंग की बारीकियां सिख रही थी, इस वर्ष भी महिला बाक्सिंग का राष्ट्रीय कैंप रोहतक लगने की संभावना है। भारतीय बाक्सिंग संघ को लिखे गए पत्र के अनुसार अरुधंति का कहना है कि ओलिंपिक के बाद लवलीना के सम्मान में अनेकों कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसकी वजह से वो ट्रेनिंग नहीं कर पाई, ऐसी परिस्थितियों में अगर वो वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने जाएंगी तो पहले ही दौर में बाहर हो सकती है। इतना ही नहीं उसके चोटिल होने का भी खतरा है। इसलिए भारत मे ही उनकी ट्रायल हो जाए तो जो अच्छा खेलेगा वो खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करें।
नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले 11 बाक्सरों को विश्व चैंपियनशिप में भेजा जा रहा है। लेकिन 70 किलोग्राम में अरुंधति को नहीं भेजा जा रहा है। यह संविधान की धाराओं का उल्लंघन है। अरुंधति की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें भारतीय बाक्सिंग संघ को भी पार्टी बनाया गया है। बुधवार को इस मामले में सुनवाई होगी।
संदीप लांबा, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता

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