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    कृषि यूनिवर्सिटी में आधी रात को बवाल, धरने को लेकर छात्र और पुलिस के बीच भिड़ंत; हिरासत में 50 स्टूडेंट

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 08:16 AM (IST)

    हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आंदोलनरत छात्रों और पुलिस के बीच टकराव बढ़ गया। रात को दो बार छात्रों और पुलिस में विवाद हुआ जिसमें कई छात्र घायल हुए और लगभग 50 छात्रों को हिरासत में लिया गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कार्यक्रम के दौरान पुलिस ने धरना हटवा दिया। कांग्रेस नेता बजरंग दास गर्ग ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।

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    देर रात एचएयू के गेट नंबर चार के बाहर धरनारत छात्र। (जागरण फोटो)

    जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हकृवि) के आंदोलनरत छात्र और पुलिस के बीच वीरवार को टकराव बढ़ गया है। वीरवार रात को दो बार छात्र और पुलिस के बीच विवाद हुआ।

    पहले रात नौ बजे के करीब विश्वविद्यालय के गेट नंबर 4 के पास धरनास्थल से कूलर हटाने को लेकर पुलिस और छात्रों में झगड़ा हुआ। चार छात्र घायल हुए। इसके बाद आधी रात करीब डेढ़ बजे भारी पुलिस बल ने हकृवि के गेट के पास धरना हटवा दिया।

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    धरनास्थल पर मौजूद करीब 50 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। बता दें, वीरवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का हकृवि में कार्यक्रम था। रात नौ बजे हुए घटनाक्रम के बाद आधी रात को भारी पुलिस बल दोबारा से विवि गेट पर पहुंचा। पहले स्ट्रीट लाइटों को बंद कराया गया।

    करीब एक घंटे बाद पुलिस ने छात्रों और उनके धरने पर मौजूद किसान संगठन के नेताओं शमशेर नंबरदार समेत कुछ अन्य को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस के हिसार जिला प्रधान व व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि पुलिस ने बर्बरता की हद पार कर छात्रों की आवाज को दबाया है।

    छात्रों के दूसरे गुट ने दी थी दिन में शिकायत

    हकृवि में स्कॉलरशिप विवाद में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के विरूद्ध वीरवार दोपहर को विवि प्रशासन को शिकायत सौंपी थी। इसमें इन छात्रों के प्रदर्शन के कारण उनका शिक्षण बाधित होने का आरोप लगाया गया था। इसी शिकायत को पुलिस कार्रवाई का आधार बताया जा रहा है।

    जून में हुआ था लाठीचार्ज, प्रोफेसर-इंचार्ज पर दर्ज हुआ था केस

    हकृवि में 10 जून को छात्रवृति नीति में बदलावों के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों पर सिक्योरिटी गार्ड्स और प्रोफेसरों द्वारा लाठीचार्ज किया गया था।

    इसमें एक प्रोफेसर राधेश्याम और अन्य सुरक्षा गार्ड्स को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित कर दिया था। इनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। बाद में तीन विधायकों की कमेटी के आश्वासन पर आंदोलन खत्म हुआ था।