हरियाणा में बारिश से फसल बर्बाद, मुआवजे के लिए पोर्टल पर 1,69738 किसानों का पंजीकरण
हरियाणा में भारी बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के बाद 169738 किसानों ने मुआवजे के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन किया है जिसमें 996701 एकड़ भूमि पंजीकृत है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। सरकार ने नुकसान का आकलन करने और प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्षा की वजह से फसल नुकसान होने पर सरकार से मुआवजे की मांग तीन दिन के अंदर 1,69738 किसानों ने की है। सभी ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन किए हैं। इन किसानों ने 9, 96 ,701 एकड़ भूमि का पंजीकरण कराया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद इस प्रक्रिया का दिन में एक बार अपडेट ले रहे हैं।
पिछले सप्ताह पांच दिन में हरियाणा में भीषण वर्षा हुई हैं। 12 से अधिक जिलों में खेतों में पानी भरने से बाजरा, धान तथा सब्जी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई। कई जिलों में यमुना तथा उसकी सहायक नदियों का पानी खेतों गांवों तथा कालोनियों में भर गया। तटबंध टूटने से भी तबाही देखने को मिल रही है।
आपदा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने युद्ध स्तर पर राहत कार्य शुरू कर रखा है। सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अब तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 1,69, 738 किसानों ने 9 ,96 , 701 एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण कराया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात में कुछ घरों की छत गिरने से जानमाल की हानि हुई है। ऐसे परिवारों को राज्य सरकार की ओर से चार-चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा घायलों को भी आर्थिक सहायता दी गई है।
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