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    Haryana Flood: नदियों-ड्रेनों के उफान से बाढ़ का और गहराया खतरा, सेना के जवानों ने संभाला मोर्चा

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 06:55 PM (IST)

    हरियाणा में लगातार बारिश और नदियों के उफान से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सेना की मदद ली जा रही है 80 जवानों ने बहादुरगढ़ में मोर्चा संभाला है। यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज पर जलस्तर कम हुआ है। मौसम विभाग ने कुछ जिलों में बारिश की संभावना जताई है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा में एक व्यक्ति डूबा हिसार में सड़क धंस गई और तीन नेशनल हाईवे जलमग्न हो गए।

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    Haryana Flood: नदियों-ड्रेनों के उफान से बाढ़ का और गहराया खतरा। फोटो जागरण

    जागरण टीम, हिसार/पानीपत। हरियाणा में लगातार हो रही वर्षा और नदियों व ड्रेनों के उफान के कारण बाढ़ का खतरा गहरा गया है। इस संकट से निपटने के लिए पहली बार सेना की मदद ली गई है।

    शुक्रवार को सेना के 80 जवानों ने झज्जर के बहादुरगढ़ में मोर्चा संभाला है, जहां जलभराव के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। फरीदाबाद में यमुना, सिरसा में घग्गर, कुरुक्षेत्र में मारकंडा और अंबाला में टांगरी नदी पूरे उफान पर आ गई है।

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    राहत की बात यह है कि यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज पर 106 घंटे बाद जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। यहां जलस्तर एक लाख क्यूसेक से कम होने पर अब बैराज के फ्लड गेट खोले गए हैं, जिससे धीरे-धीरे पानी यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है।

    दूसरी ओर, मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को नूंह, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, रेवाड़ी, झज्जर, रोहतक, सोनीपत और पानीपत में मध्यम बारिश की संभावना जताई है।

    बहादुरगढ़ में जलभराव से निपटने के लिए सेना की तैनाती की गई है। शुक्रवार को सेना के 80 जवान बहादुरगढ़ पहुंचे। एसडीएम नसीब कुमार ने बताया कि सेना ने शुक्रवार शाम से अपना अभियान शुरू कर दिया है।

    कुरुक्षेत्र के पिहोवा में बीबीपुर और चनालहेड़ी सड़क मार्ग पर मारकंडा का पानी बह रहा है। यहां हुए एक हादसे में चनालहेड़ी का अरुण कुमार (18) डूब गया।

    वहीं हिसार में धिकताना गांव के पास 10 फीट तक सड़क धंस गई है, जबकि तीन नेशनल हाईवे भी जलमग्न हो गए हैं। हांसी-बरवाला रोड पर सिंघवा माइनर भी टूट गई है।

    हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-52, कोटपूतली-बठिंडा नेशनल हाईवे 148बी और दिल्ली-हिसार नेशनल हाईवे पर दो फीट पानी भरा है। हिसार में 31 घंटे बाद भी गंगवा गांव में ड्रेन को नहीं बांधा जा सका है।

    यहां एक जेसीबी मशीन भी जमीन में धंस गई है। सिरसा जिले में केलनिया-झोड़नाली इलाके में घग्गर नदी ओवरफ्लो हो गई है।

    फरीदाबाद में एक नौ महीने की गर्भवती महिला को पानी के बीच से रेस्क्यू किया गया। गांव कबूलपुर में पानी से घिरने के बाद महिला ने हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगी थी। महिला और उसके पति को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

    फतेहाबाद में एक मकान की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह घटना वीरवार देर रात गांव मंघेड़ा में हुई, जब सोते समय परिवार पर दीवार गिर गई। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बाढ़ के कारण जम्मू कश्मीर और पंजाब में 15 अक्टूबर तक आठ ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं।

    नदियों की स्थिति...

    हथनीकुंड बैराज: यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज पर आज दोपहर 2 बजे 76 हजार 544 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। जिसके बाद फ्लड गेट डाउन किए गए। अभी पूरी तरह गेट बंद नहीं हुए हैं।

    यमुना: फरीदाबाद में इस समय यमुना का जलस्तर खतरे के निशान पर है। यमुना में खतरे का निशान 200 मीटर पर है। यमुना में दोपहर 12 बजे 2 लाख 40 हजार पानी दर्ज किया गया। अभी यमुना ओवरफ्लो चल रही है।

    मारकंडा : कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में मारकंडा नदी में डेंजर लेवल 256 मीटर से .40 मीटर ऊपर बह रही है। दोपहर 12 बजे 35 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया।

    घग्गर: पंचकूला में घग्गर डेंजर लेवल से अभी डेढ़ मीटर नीचे है। वहीं, कैथल में घग्गर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां पानी का जलस्तर 23.3 फीट पर पहुंच गया है। 48 हजार 534 क्यूसिक पानी बह रहा है।

    टांगरी: अंबाला में टांगरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुबह 8 बजे 20 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। नदी के ओवरफ्लो होने से इंडस्ट्रियल एरिया समेत 15 कॉलोनियों में पानी भरा है।

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