Haryana Weather: हरियाणा में खतरे के 36 घंटे, भारी वर्षा का हाई अलर्ट; हर जिले में हाल-बेहाल
हरियाणा में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है यमुनानगर सिरसा फतेहाबाद झज्जर और रोहतक जैसे जिलों में हालात चिंताजनक हैं। मौसम विभाग ने आगामी 36 घंटों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। वर्षा के बीच हुए हादसों में कई लोगों की जान गई है। यमुना नदी के उफान के कारण कई खेत जलमग्न हो गए हैं और स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

जागरण टीम l हिसार/ पानीपत। हरियाणा में हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। यमुनानगर, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर, रोहतक, भिवानी में जलभराव के कारण हालात चिंताजनक हैं। इसी बीच मौसम विज्ञान विभाग ने प्रदेश में आगामी 36 घंटे में भारी वर्षा का अलर्ट जारी करते हुए बाढ़ की आशंका जताई है।
विभाग ने तीन सितंबर को भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा चार और पांच सितंबर को दक्षिण हरियाणा के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होगी। सिरसा जिले में घग्गर नदी में पिछले 24 घंटों में 5,000 क्यूसेक पानी बढ़ा है, जिससे नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 8,000 क्यूसेक ऊपर बह रहा है। घग्गर से निकलने वाली जीबीएसएम धोतड़ और खारिया के बीच की चैनल टूटने से एक हजार एकड़ में जलभराव हुआ है।
वहीं वर्षा के बीच हुए हादसों ने स्थिति को और अधिक गंभीर कर दिया है। हिसार में 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन तार टूटकर बाइक सवार चार युवकों पर गिर गई। हादसे में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, देर रात नारनौंद खंड के गांव कौथ कलां में एक मकान की छत अचानक गिर गई, जिससे महिला रायशा (33) की मौत हो गई, जबकि उसका पति और तीनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा हिसार में ही अंग्रेजों के जमाने की 150 साल पुरानी बिल्डिंग गिर गई।
गांधी चौक के पास हादसे में एक स्कूली बच्चा बाल-बाल बच गया। गुरुग्राम में महावीरपुरा में एक व्यक्ति की करंट से मौत हो गई। गुरुग्राम में 4 अंडरपास बंद किए।
यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से छोड़े पानी के बाद यमुना के आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट है। हथिनीकुंड बैराज पर सोमवार रात 12 बजे 2 लाख 29 हजार 834 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था। मंगलवार सुबह 6 बजे यह 2 लाख 7 हजार 721 दर्ज किया गया। यमुना के उफान के कारण 6,740 एकड़ खेतों में जलभराव हुआ है।
बारिश और जलभराव के कारण मोरनी ब्लाक के सभी स्कूल बंद हैं। इसी तरह, बरवाला ब्लॉक के 13, पिंजौर के 12 और रायपुररानी के 2 स्कूल बंद हैं। पुलिस ने तीन मुख्य मार्ग से ट्रैफिक को डायवर्ट किया है। जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर कंपनियों को वर्क फ्राम होम और स्कूलों को ऑनलाइन क्लास चलाने की सलाह दी है। कादरपुर में अरावली का बांध टूटने से कई गांवों में डेढ़ से दो फीट तक पानी जमा हो गया है।
यमुना नदी का पानी बसंतपुर गांव में घुस गया है। करीब 200 मकानों को खाली कराया गया है। यमुना की तलहटी में बने लगभग 6 हजार मकानों के निवासी परिवार सहित सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। शहर में अधिकतर जगहों पर जलभराव है। गांव धीन के सरकारी स्कूल में पानी भर गया है, जिससे सभी कमरों और बरामदे में पानी पहुंचने के कारण टीचर और बच्चे एक ही कमरे में एकत्र होने को मजबूर हो गए।
हिसार में 7 ड्रेन टूटने से 180 गांव जलमग्न हैं। तीन 33 केवी के सब 2 स्टेशन पानी में डूबे हुए हैं। 25 गांवों में बिजली गुल है। आर्यनगर-बरवाला सीएचसी दूसरी जगह शिफ्ट किए गए। गांव में स्कूल भी बंद हैं। छछरौली ब्लाक के सभी स्कूल बंद हैं। यमुना नदी के तेज बहाव के कारण कलेसर, बेलगढ़, नवाजपुर, मांडेलावा व टापू कमालमाजरा में बड़े पैमाने पर भूमि का कटाव हुआ है। दर्जन भर गांवों के खेत पाानी में डूबे हैं।
पंचकूला में घग्गर नदी का जलस्तर 9,000 क्यूसेक दर्ज किया गया है। कल के मुकाबले ये एक हजार कम है। खतरे का निशान 25,000 पर है। सिरसा में ये उफान पर है।
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में शाम 5 बजे मारकंडा नदी में करीब 30 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। गांव हेमामाजरा में नदी का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ गया है। कई गांवों के सड़क मार्ग पर पानी भरा है।
मारकंडा नदी अंबाला में टांगरी नदी में फिलहाल लगभग 11 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। हालांकि, यह अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन अगर अधिक बारिश हुई तो जलस्तर बढ़ सकता है।सोम नदी में 2313 क्यूसेक बहाव रहा है। सोमवार को बैराज से बहा 329313 क्यूसेक पानी खेतों व आबादी में फैलता चला गया। सोम नदी ने यमुनानगर इलाके में अभी अधिक नुकसान नहीं किया है।
यमुनानगर के 150 गांवों में बाढ़ का हाई अलर्ट कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में मारकंडा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। खतरे के निशान 256 मीटर से ऊपर बह रही है। यहां 30 हजार क्यूसेक के करीब जलबहाव है। हथनी कुंड बैराज से सोमवार को छोड़े पानी से खेतों में जलभराव हुआ है। करीब 150 गांवों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
प्रदेश में मंगलवार की सुबह से हिसार, पानीपत, यमुनानगर, करनाल, जींद, झज्जर और चरखी दादरी में रुक-रुक कर वर्षा होती रही। पंचकूला-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर कलानौर के पास यमुना नदी के ऊपर बने पुल की अप्रोच करीब चार इंच तक धंस गई है। एनएएचआइ ने पुल पर बैरिकेडिंग कर एक साइड को बंद कर दिया है। हिसार में दो नेशनल हाईवे, कोटपुतली-बठिंडा-148बी और हिसार-चंडीगढ़-52 पानी में डूब गए हैं। यमुनानगर, सोनीपत और करनाल में यमुना नदी से जमीन का कटाव शुरू हो गया है।
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