मैदान से मैनेजमेंट तक: मनु भाकर और सुमित नागल की नई पारी, खेल प्रबंधन की करेंगे पढ़ाई
शूटर मनु भाकर और टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल खेल प्रबंधन में महारत हासिल करेंगे। मनु आईआईएम रोहतक से स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई करेंगी जबकि सुमित नागल इंग्लैंड में कोर्स करेंगे। दोनों खिलाड़ी खेल की बारीकियों को समझने और खेल के विकास में योगदान देने के लिए उत्सुक हैं। उनका मानना है कि खेल में प्रबंधन का महत्वपूर्ण रोल है और सही निर्णय ही खिलाड़ी को आगे बढ़ाता है।

जागरण संवाददाता, झज्जर। आमतौर पर लोग एक खिलाड़ी को केवल मैदान पर खेलते हुए देखते हैं। गोल करते, शॉट लगाते या निशाना साधते हुए। लेकिन खेल की सफलता के पीछे एक अदृश्य मैदान भी होता है। जिसमें रणनीति, प्रायोजन, तकनीकी विश्लेषण, आयोजन और ब्रांडिंग का खेल चलता है।
शूटर मनु भाकर और टेनिस प्लेयर सुमित नागल ने अब इसी अदृश्य मैदान में महारथ हासिल करने की ठान ली है। कारण खेल का भविष्य सिर्फ मैदान पर प्रदर्शन में नहीं, बल्कि उसके प्रबंधन में भी छिपा है।
गोल्डन गर्ल मनु भाकर और अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल खेल के साथ-साथ शिक्षा के मैदान में भी अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। दोनों स्टार खिलाड़ी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई करेंगे, ताकि खेल की तकनीकी, प्रबंधन और व्यावसायिक बारीकियों को गहराई से समझ सकें।
मनु भाकर ने आइआइएम रोहतक में एडमिशन लेकर स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में विशेषज्ञता हासिल करने का फैसला किया है। सुमित नागल इंग्लैंड में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स करेंगे।
मनु का IIM रोहतक में होगा नया सफर
गोरिया गांव की रहने वाली मनु भाकर सटीक निशाने के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं। अपनी स्कूली शिक्षा झज्जर उन्होंने अपने गांव स्थित यूनिवर्सल स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पंजाब यूनिवर्सिटी से पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
मनु का कहना है, खेल सिर्फ मैदान पर ही नहीं, बल्कि उसके पीछे की रणनीति, योजना और प्रबंधन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आगामी पढ़ाई के दौरान मैं यह सब विस्तार से सीखना चाहती हूं। पिता राम किशन भाकर और मां सुमेधा का कहना है, हमने मनु को निर्णय लेने में हर स्तर पर स्वतंत्रता दी हैं, वे उसके इस फैसले का भी स्वागत करते हैं।
सुमित नागल करेंगे इंग्लैंड में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
दूसरी ओर भारत के उभरते टेनिस सितारे और जैतपुर के लाल सुमित नागल इंग्लैंड में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई करेंगे। सुमित ने जूनियर ग्रैंड स्लैम और डेविस कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। अब वे अपने अनुभव को शिक्षा के साथ जोड़कर खेल के व्यवसायिक पहलुओं को समझना चाहते हैं।
सुमित का मानना है कि खिलाड़ी के करियर में प्रबंधन की अहम भूमिका होती है। सही समय पर सही फैसले और संसाधनों का उपयोग ही खिलाड़ी को आगे बढ़ाता है।
ऐसा करने से अंतरराष्ट्रीय खेल प्रबंधन की बारीकियां सीखकर भारत में खेल के विकास में योगदान देना चाहता हूं। सुमित के पिता सुरेश नागल का कहना है, खेल का असली फायदा तभी है जब खिलाड़ी अपने अनुभव को अगली पीढ़ी तक पहुंचाए। यह पढ़ाई उसी दिशा में कदम है।
खेल के साथ शिक्षा, दोहरी तैयारी
वैसे, दोनों खिलाड़ियों का यह कदम युवाओं के लिए प्रेरणा है। जहां अधिकांश खिलाड़ी खेल के बाद करियर को लेकर असमंजस में रहते हैं, वहीं मनु और सुमित ने सक्रिय खेल जीवन के साथ ही पढ़ाई को प्राथमिकता दी है।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स में खेल उद्योग की संरचना, प्रायोजन, इवेंट मैनेजमेंट, डेटा एनालिटिक्स और ब्रांडिंग, वैश्विक खेल उद्योग, खिलाड़ियों के अनुबंध, मीडिया प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट संचालन की गहरी समझ दी जाती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।