झज्जर में 800 रुपये में बंदर और 1330 रुपये में कुत्ता पकड़ेगी टीम, शहर को ‘कैटल फ्री’ और ‘मंकी फ्री’ बनाने की तैयारी शुरू
झज्जर में बंदरों और आवारा कुत्तों के आतंक से नागरिकों को जल्द राहत मिलेगी। नगर परिषद ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिसमें बंदर पकड़ने के लिए एक एज ...और पढ़ें

नगर परिषद ने बंदर और कुत्ता पकड़ने का टेंडर हुआ फाइनल।
जागरण संवाददाता, झज्जर। शहर में लगातार बढ़ रहे बंदरों और आवारा कुत्तों के उत्पात से परेशान नागरिकों को जल्द ही राहत मिल सकती है। नगर परिषद ने दोनों समस्याओं पर तेजी से कार्रवाई करते हुए बंदर पकड़ने और कुत्तों के नियंत्रण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है।
बुधवार को तीन फर्मों ने अपने आवेदन जमा किए, जिनमें से एक एजेंसी को बंदर पकड़ने का वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। अनुमान है कि वीरवार से अभियान औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा।
800 रुपये प्रति बंदर, आज से शुरू होगा अभियान
नगर परिषद के अनुसार बंदर पकड़ने पर प्रति बंदर लगभग 800 रुपये का खर्च आएगा। एजेंसी के कर्मचारी शहर के विभिन्न वार्डों से बंदरों को पकड़कर कलेसर के जंगलों में छोड़ेंगे, ताकि शहरी आबादी से उनका खतरा पूरी तरह समाप्त किया जा सके। शहरवासियों की लंबे समय से मांग रही है कि बंदरों को व्यवस्थित रूप से शहर से हटाया जाए, क्योंकि उनकी संख्या अनियंत्रित हो चुकी है।
रामनगर क्षेत्र में एक ही बंदर द्वारा करीब 25 से अधिक लोगों को काटने की घटना के बाद स्थिति और गंभीर हो गई थी। आर्य नगर, सीताराम गेट, दिल्ली गेट, छावनी मोहल्ला और मुख्य बाजार जैसे क्षेत्रों में भी बंदरों का आतंक चरम पर है। कई परिवारों ने छतों पर गतिविधियां बंद कर दी हैं। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर शहर में लगातार भय का माहौल बना हुआ है।
1330 रुपये प्रति कुत्ता, 1200 कुत्ते पकड़ने का लक्ष्य
नगर परिषद ने आवारा कुत्तों के लिए भी व्यापक अभियान की तैयारी की है। एक कुत्ते को पकड़ने, टीकाकरण, नसबंदी और शेल्टर तक पहुंचाने पर लगभग 1330 रुपये का व्यय निर्धारित किया गया है। शहर में कुल 1200 कुत्तों को पकड़ने का लक्ष्य तय किया गया है।
अब तक लगभग 40 आवारा कुत्तों को पकड़कर धौड़ स्थित शेल्टर में भेजा जा चुका है, जहां उनकी देखभाल की जा रही है। इनमें से 13 कुत्तों की नसबंदी भी पूरी हो चुकी है। नगर परिषद ने कई स्थानों पर बड़े आकार के पिंजरे लगाए हैं, ताकि अभियान गति पकड़ सके।
शहर को ‘कैटल फ्री’ और ‘मंकी फ्री’ बनाने की तैयारी
नगर परिषद सचिव मोहनलाल ने बताया कि उपायुक्त झज्जर ने बुधवार को इस विषय पर विभागीय अधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई। बैठक में शहर को जल्द ही ‘कैटल फ्री’ और ‘मंकी फ्री’ घोषित करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। अभियान की सभी कागजी व प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। किसी भी बाधा को दूर करने के लिए विभाग लगातार निगरानी कर रहा है।
नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रशासन शीघ्र व प्रभावी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। शहर को इन दोनों समस्याओं से मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उम्मीद है परिणाम जल्द दिखने लगेंगे। -जिले सिंह सैनी, नप अध्यक्ष, झज्जर।

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