कैथल: 12 लाख के टेंडर के बावजूद सड़कों पर 1500 गायें, पेमेंट अटकने से रुका अभियान
कैथल नगर परिषद ने शहर को कैटल फ्री करने के लिए 12 लाख का टेंडर दिया था, लेकिन पेमेंट रुकने से एजेंसी ने गोवंश पकड़ने का काम बीच में छोड़ दिया। शहर में 1500 से ज्यादा गोवंश सड़कों पर हैं, जिससे हादसे हो रहे हैं। सामाजिक संस्थाओं ने डीसी को ज्ञापन भी दिया था। नप का कहना है कि पेमेंट जल्द करवाकर अभियान फिर से शुरू किया जाएगा।

शहर की सड़कों 1500 से ज्यादा गोवंशी, आए दिन हो रहे हादसे (फोटो: जागरण)
सुरेंद्र सैनी, कैथल। नगर परिषद की तरफ से शहर को कैटल फ्री करने के लिए चार माह टेंडर लगाया था, लेकिन एजेंसी की पेमेंट न होने के कारण गोवंश को पकड़ने का अभियान बीच में ही बंद हो गया।
एजेंसी की तरफ से करीब दो माह में किए गए कार्यों को लेकर बिल भुगतान के लिए नप कार्यालय में दिए गए, लेकिन सीएसआइ के हस्ताक्षर न होने के कारण पेमेंट नहीं हो पा रही है। इसके चलते एजेंसी ने गोवंशी को पकड़ने का अभियान रोक दिया है। बताया जा रहा है कि 12 लाख रुपये का टेंडर एजेंसी को दिया गया था।
एजेंसी ने एक हजार गोवंशी को सड़क से हटाकर गोशाला में छोड़ने का टारगेट रखा था। शहर की सड़कों पर 1500 से ज्यादा गोवंशी हैँ। इस कारण आए दिन सडकों पर हादसे होते रहते हैं। पूर्व में कई लोगों की सड़क हादसे में जान भी जा चुकी है, वहीं कई लोग गोवंशियों के हमले के कारण दिव्यांग हो चुके हैं। अब सर्दी के मौसम की शुरूआत हो रही है, ऐसे में कोहरा होने के कारण लोगों की सफर में परेशानी बढ़ेगी।
गोवंशी को सड़कों से हटाने के लिए सामाजिक संस्थाओं की तरफ से डीसी को ज्ञापन भी दिया जा चुका है। नगर परिषद व पालिका आयुक्त के साथ बैठक भी हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद गोवंशी को सड़कों से हटाने की समस्या दूर नहीं हो पा रही है।
जीवन रक्षक दल के संयोजक राजू डोहर ने बताया कि गोवंशी के सड़कों पर होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई लोगों पर गोवंशी हमला भी कर चुके हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए पूर्व में धरना भी लोगों ने नगर परिषद कार्यालय के बाहर दिया था। अब नप ने अगर गोवंशी को पकड़ने का टेंडर लगाया है तो उम्मीद है कि समस्या दूर होगी।
बता दें कि नगर परिषद की तरफ से जींद रोड पर नई गोशाला बनाई गई है। इसमें करीब 2400 गोवंशी है। अनाज मंडी के नजदीक जो गोशाला थी, उसे यहां शिफ्ट किया जा चुका है।
सरकार की तरफ से हर वर्ष गोवंश की खुराक को लेकर राशि भी गोशालाओं को दी जाती है, लेकिन इसके बावजूद गोवंश सड़कों पर बढ़ रहे हैं। गोवंश न केवल दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं, बल्कि लोगों पर हमला भी कर रहे हैं। पूर्व में सिरटा रोड पर एक बुजुर्ग व्यक्ति पर हमला कर घायल कर दिया था।
इस साल इस तरह से गोशालाओं की दी गई थी राशि
मुड़ाड गोशाला कलायत - 14 लाख 30 हजार आठ सौ पचास।
शिव शक्ति गोशाला खडालवा- 12 लाख 31 हजार तीस सौ पचास।
गोशाला सेवा समिति सीवन - 5 लाख 21 हजार आठ सौ पचास।
शिव शंकर नंदीशाला चीका - 2 लाख 41 हजार तीन सौ पचास।
महर्षि फल्गु गोशाला सेवा समिति फरल - 2 लाख 47 हजार छह सौ।
बाबा अमरनाथ गोसेवा समिति- 2 लाख 75 हजार सौ।
श्री बाबा मंजूनाथ गो सेवा समिति बालू कैथल - 44 हजार छह सौ।
श्री कृष्ण गोपाल गोसेवा सदन सभा, चीका - 12 लाख 93 हजार सात सौ पचास
श्री कृष्ण गोशाला सेवा समिति ढांड - 5 लाख 15 हजार।
बाबा बिहारी दास अरदास गोशाला एवं जन कल्याण समिति -7 लाख 24 हजार।
श्री केशव गोशाला सेवा समिति करोड़ - 7 लाख 49 हजार।
कुरुक्षेत्र गोशाला कैथल - 8 लाख 91 हजार।
गो सेवा समिति डोगरा गेट, कैथल - 23 लाख 51 हजार।
जय दुर्गा गोशाला सेवा समिति पाडला - 4 लाख 83 हजार सात सौ पचास।
श्री जयराम आदर्श गोशाला पूंडरी - 11 लाख 40 हजार।
श्री बाबा निहाल गिरी गोशाला गुहणा - 1 लाख 80 हजार।
कपिस्थल नंदी गोशाला, कैथल - 13 लाख 43 हजार।
महादेव गोलोक टयोठा, कैथल - 47 हजार दो सौ पचास।
श्री कृष्णा गोशाला समिति बरटा - 1 लाख 83 हजार।
जय बाबा वीरनाथ गोशाला सोसाइटी, क्योडक़- 1 लाख 99 हजार।
श्री कृष्णा गो संरक्षण धाम कैथल - 17 लाख 85 हजार।
नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता आशीष नैन ने बताया कि गोवंश को पकड़ने के लिए टेंडर दिया गया था, जो कई माह से बंद पड़ा हुआ है। सीएसआइ के हस्ताक्षर न होने के कारण राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप सोलंकी ने बताया कि गोवंश को पकड़ने का अभियान क्यों बंद हैं, इसकी जानकारी नहीं है। अगर पेमेंट अटकी हुई है तो इसकी रिपोर्ट लेकर जल्द से जल्द भुगतान करवाया जाएगा। गोवंश को पकड़ने के लिए जल्द ही अभियान शरू किया जाएगा।

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