'साहब मैं जिंदा हूं...' हरियाणा में 70 वर्षीय बजुर्ग को मृत दिखा काट दिया पेंशन, अब दफ्तरों के चक्कर काट रही पीड़िता
करनाल के सलारपुरा गांव की 70 वर्षीय पत्तो देवी को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया जिससे उनकी बुढ़ापा पेंशन बंद हो गई। समाज कल्याण विभाग में शिकायत करने पर उन्हें बताया गया कि रिकॉर्ड में वे मृत हैं। जीवित होने का प्रमाण देने पर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही।

जागरण संवाददाता, करनाल। इंद्री खंड के सलारपुरा गांव की एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने समाज कल्याण विभाग में जाकर कहा कि उसकी बुढ़ापा पेंशन कट गई है। बाबू ने रिकॉर्ड देखा और फिर महिला को कहा कि इस नाम की महिला का देहांत हो चुका है। महिला ने कहा, मैं आपके सामने खड़ी हूं।
फिर सबूत के तौर पर ग्राम पंचायत की ओर से उसके जीवित होने का पत्र दिखाया, लेकिन बाबू ने फिर वही बात दोहराई और कहा कि माता जी, हमारे रिकॉर्ड में यह महिला मृत है। पता चला कि सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित दिखाए जाने पर उसकी फैमली आईडी भी निष्क्रिय हो गई है।
अब वह सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही है। हाथ में जीवित होने के सबूत दिखा रही है, लेकिन उसकी सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हो रही। 70 वर्ष की बुज़ुर्ग पत्तो देवी अपनी जिंदगी के इस पड़ाव पर सुरक्षा और सम्मान की उम्मीद रखती हैं। सालों से उन्हें समाज कल्याण विभाग की बुढ़ापा पेंशन मिलती रही और बीपीएल राशन कार्ड से रोजमर्रा की जरूरतें पूरी होती थीं, लेकिन एक सरकारी लापरवाही ने उनकी दुनिया ही बदल दी है।
कुछ माह पहले उसकी पेंशन अचानक से बंद हो गई। उसे लगा कि इस बार किसी गलती से नहीं आई होगी। अगले माह भी पेंशन नहीं आई तो वह सेक्टर-12 स्थित जिला सचिवालय के द्वितीय खंड में समाज कल्याण विभाग में गई। पत्तो देवी ने जब पेंशन न मिलने की बात अधिकारियों से पूछी तो उन्हें बताया गया कि उनके रिकॉर्ड में वह मृत दिख रही हैं।
आठ अगस्त 2025 को उन्हें मृत दर्शा कर पेंशन काटी गई है। स्वजन व ग्रामीणों को यह बात पता चली तो उन्हें भी हैरानी हुई। फिर पता चला कि महिला का बीपीएल राशन कार्ड भी कट गया है और फैमली आईडी भी निष्क्रिय हो गई। फैमली आईडी में उसे मृत दिखाया गया है। दरअसल असल गलती फैमली आईडी में हुई है। गलती से फैमली आईडी का कार्य देखने वाली टीम ने उसे आईडी में मृत दिखा दिया।
इससे आईडी के माध्यम से मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ कैंसिल हो गया। इसमें पेंशन व बीपीएल राशन कार्ड शामिल है। इस बात का पता चलते ही ग्राम पंचायत ने भी हस्तक्षेप किया। उन्होंने लिखित में पंचायत के लेटर हेड पर लिखकर दिया कि पत्तो देवी जीवित हैं।
पत्तो देवी ने कहा, मैं जिंदा हूं, फिर भी किसी ने मेरी सुनवाई नहीं की। मेरे पास पैसे नहीं हैं। राशन भी कट गया है। क्या उम्र का सम्मान यही है? पत्तो देवी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से गुहार लगाई है कि उसकी फैमली आईडी में उसे जीवित दिखाया जाए। उसकी पेंशन व बीपीएल राशन कार्ड फिर से शुरू किया जाए।
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