Farmers Protest: '21 फरवरी तक न माने तो हरियाणा भी...', किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने दे दिया सरकार को अल्टीमेटम
हरियाणा में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) अभी भी जारी है। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Charuni) ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार को सोचने और समझने की जरूरत है। तिलहन और बाजरा को भी एमएसपी के तहत शामिल किया जाना चाहिए।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। किसानों का आंदोलन एमएसपी (MSP) की गारंटी सहित कई मांगों को लेकर अभी भी चालू है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सरकार को 21 फरवरी तक का समय दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार 21 फरवरी तक नहीं मानी तो हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा।
सरकार के पास 21 फरवरी तक का समय
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 21 फरवरी तक का समय है। सरकार को सोचना और समझना चाहिए कि ये दो चीजें (तिलहन और बाजरा) (खरीद के लिए) बहुत महत्वपूर्ण हैं। जैसे उन्होंने दालों, मक्का और कपास का उल्लेख किया, उन्हें करना चाहिए इन दोनों फसलों को भी शामिल करें।
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तिलहन और बाजरा को भी करें शामिल
अगर इन दोनों को शामिल नहीं किया गया तो हमें इस बारे में फिर से सोचना होगा। कल हमने फैसला लिया कि अगर 21 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा।
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (चढ़ुनी ) की ओर से रविवार को ब्रहमसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में बुलाई गई बैठक में सर्वसम्मति से चार प्रस्ताव पास किए गए हैं।
चढ़ूनी ने सरकार को लिखा पत्र
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने अपने बयान में कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा में 14 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही हैं। प्रदेश के सभी किसान संगठन व किसान बड़े हैरान है। आपका यह बयान देश व प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला व तथ्यहीन ब्यान लगता है क्योकि प्रदेश में केवल दो फसले गेंहू, धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की जा रही है। तीसरी फसल गन्ना एफआरपी पर खरीद की जा रही है बाकी बाजरा, सरसों, सूरजमुखी की फसल भवांतर भरपाई योजना के तहत ली जा रही है।
सरकार ने पत्र में पूछे कई सवाल
साथ ही उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि भवांतर भरपाई योजना में भी प्रदेश के कुल उत्पादन का कुछ भाग ही खरीदा जा रहा है और भवांतर भरपाई योजना में फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे भाव दिया जाता है। गत वर्ष किसानो के आंदोलन में वायदे के बावजूद भी 500-700 रुपये प्रति किवंटल सूरजमुखी की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीद की गई है। इसी प्रकार प्रदेश में दाल की कोई भी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद नही की गई है। आपसे विनती है कि आप देश व प्रदेश की जनता को बताने का कष्ट करें।
- केंद्र सरकार द्वारा जिन 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। उनमें से कौन-कौन सी 14 फसले हरियाणा सरकार द्वारा खरीद कारवाई जा रही है।
- प्रदेश में इन 14 फसलों का कुल उत्पादन कितना हुआ और प्रदेश सरकार द्वारा कितने किवंटल फसल की खरीद कारवाई गई है। इसके देश व प्रदेश की जनता के सामने आंकड़े जारी करे।
- प्रदेश में बिजली कंपनियों द्वारा बनाया गया। नया नियम तुरंत वापस लिया जाए जिसमें खराब हुए ट्रांसफॉर्म की कुल कीमत का 10% से 20% कीमत वसूलने का नियम बनाया गया है।
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