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    महेंद्रगढ़ में बागवानी करने का सुनहरा मौका, किसानों को केंद्र से मिल रही ये सुविधा

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 03:18 PM (IST)

    हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में एकीकृत बागवानी विकास केंद्र किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षित कर रहा है। यहां किसान प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं जिससे उनकी उपज और आय में वृद्धि हो रही है। केंद्र में उच्च तकनीक वाले ग्रीनहाउस में मिट्टी रहित पौधे तैयार किए जाते हैं और किसानों को विभिन्न आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है।

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    बागवानी विकास केंद्र किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षित कर रहा है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नारनौल। हरियाणा सरकार की सोच के अनुरूप जिले के सुंदरह गांव में स्थित एकीकृत बागवानी विकास केंद्र नई तकनीक के माध्यम से कृषि क्षेत्र को आधुनिक, कुशल और भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। यहां से सीख लेकर किसान पारंपरिक खेती की बजाय प्राकृतिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं।

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    इस पहल से किसानों को न केवल बेहतर उपज मिल रही है, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। यह केंद्र एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरा है जो अन्य किसानों को भी प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

    इस एकीकृत बागवानी विकास केंद्र की नींव 15 जुलाई 2016 को रखी गई थी और इसका उद्घाटन 1 सितंबर 2019 को हुआ था। यह केंद्र 12.5 एकड़ भूमि पर बना है। इस केंद्र की सबसे बड़ी उपलब्धि इसकी अत्याधुनिक नर्सरी है। यहां कोको पीट, वर्मीक्यूलाइट और परलाइट जैसे मिट्टी रहित माध्यमों का उपयोग करके उच्च तकनीक वाले ग्रीनहाउस में पौधे तैयार किए जाते हैं।

    इन मिट्टी रहित पौधों की गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य पौधों की तुलना में काफी बेहतर होती है। वर्ष 2019-20 से अक्टूबर 2025 तक इस केंद्र ने एक करोड़ 49 लाख से अधिक सब्जियों के पौधे तैयार किए हैं। बेल वाली सब्जियों के पौधों की लागत मात्र 1.20 रुपये प्रति पौधा है, जबकि बिना बेल वाली सब्जियों के पौधों की लागत 1.40 रुपये प्रति पौधा है, जो किसानों के लिए बेहद किफायती है।

    यह केंद्र केवल पौध उत्पादन तक ही सीमित नहीं है। यहाँ किसानों को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अब तक लगभग 900 किसानों को नेट हाउस, पॉली हाउस, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और सूक्ष्म सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

    यह प्रशिक्षण न केवल किसानों को अपनी उपज बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि उन्हें नया व्यवसाय शुरू करने के लिए भी प्रेरित करता है। केंद्र के 4.5 एकड़ क्षेत्र में किन्नू, माल्टा, खजूर, अनार और बेर जैसे फल उगाए जाते हैं। यहाँ पॉली हाउस और नेट हाउस में जैविक विधियों से सब्जियां भी उगाई जाती हैं, जिन्हें सीधे बिक्री केंद्र पर बेचा जाता है। इससे किसानों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है।

    किसानों के लिए ये हैं सुविधाएं

    • सब्सिडी पर पौधे: यहां किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं।
    • किराए पर मशीनरी: खेती के लिए आवश्यक मशीनें जैसे रोटावेटर, पावर टिलर, मल्चिंग मशीन और स्प्रे टैंक आदि किराए पर उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे छोटे किसानों के लिए आधुनिक खेती करना आसान हो जाता है।
    • निरंतर मार्गदर्शन: हर मौसम में किसानों को गुणवत्तापूर्ण फसल उगाने और साल भर उत्पादन बनाए रखने की तकनीक सिखाई जाती है।

    सरकार का विजन सराहनीय: कैप्टन मनोज कुमार

    उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि इस जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहाँ बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। इस संबंध में हरियाणा सरकार का विजन सराहनीय है। महेंद्रगढ़ जिले में स्थापित यह केंद्र किसानों को नवीनतम तकनीक अपनाने और खेत में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहा है। आसपास के जिलों के किसान भी यहाँ से प्रेरित हो रहे हैं।

    स्मार्ट कृषि की ओर बढ़ रहे किसान: उप निदेशक उद्यान डॉ. पिंकी यादव

    उप निदेशक उद्यान डॉ. पिंकी यादव ने कहा कि आज सुंदरगढ़ का यह केंद्र केवल प्रशिक्षण केंद्र ही नहीं, बल्कि किसानों के सपनों को साकार करने का केंद्र बन गया है। यह हरियाणा सरकार की दूरदर्शिता और किसानों की कड़ी मेहनत का एक बेहतरीन उदाहरण है जो किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यहाँ से सीख लेकर किसान स्मार्ट कृषि की ओर बढ़ रहा है।

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