महेंद्रगढ़ में आकाशीय बिजली का कहर, मकान और उपकरण क्षतिग्रस्त
मंडी अटेली के सैदपुर गांव में सुबह तेज गड़गड़ाहट के साथ बिजली गिरने से सुरेश कुमार का मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मकान की छत में गड्ढा हो गया और दरवाजा टूट गया। आस-पास के घरों में करेंट फैलने से कई उपकरण जल गए। ग्रामीणों में दहशत है और उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

जागरण संवाददाता, मंडी अटेली। क्षेत्र में शनिवार सुबह तेज गड़गड़ाहट के साथ बिजली गिरने से गांव सैदपुर में एक मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घटना में छत पर गहरा गड्ढा बन गया और मकान का दरवाजा भी टूट गया। साथ ही गांव के आधा दर्जन से अधिक घरों में लगे विद्युत उपकरण जलकर क्षतिग्रस्त हो गए। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।
ग्रामीणों ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे सुरेश कुमार के मकान पर अचानक तेज गड़गड़ाहट के साथ बिजली गिरी। सुरेश फिलहाल शाहजहांपुर (नीमराना) में अपने परिवार के साथ रहते हैं। गांव में मौजूद लोगों ने बताया कि बिजली गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और मकान की छत का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मकान के गेट का दरवाजा टूटकर नीचे गिर गया और उसकी चौखट में भी दरार आ गई।
दीवार से कई ईंटें निकलकर दूर जा गिरी। इनमें से एक ईंट पड़ोसी रामबिलास के मकान के टीन शेड पर गिरी। रामबिलास ने बताया कि उस समय वह अपने मकान के टीन शेड में सो रहे थे। धमाके की आवाज सुनकर उन्होंने अपने बेटे से पूछा कि क्या हुआ है। बेटे ने बताया कि चाचा सुरेश के घर पर बिजली गिरी है। जब वह मौके पर पहुंचा तो वहां पहले से ही ग्रामीण एकत्रित थे।
सभी ने देखा कि छत पर गहरा गड्ढा हो गया था और दरवाजे की हालत खराब हो चुकी थी। आसपास के घरों में करंट लगने से कई उपकरण जल गए। अमित के एसी और पंखे खराब हो गए, जबकि नरेश के घर में बिजली के उपकरण जल गए। धर्मवीर का फ्रिज पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
दीपक के घर में एलईडी, पंखे व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान जलकर बेकार हो गए। गांव निवासी लालराम के फ्रिज ने भी काम करना बंद कर दिया। इस हादसे के बाद गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि बिजली गिरने से हुए नुकसान की भरपाई करना उनके बस से बाहर है।
पूर्व सरपंच बाबूलाल व किसान क्लब प्रधान सतबीर ने सरकार से प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है और इससे गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन को तुरंत प्रभाव से प्रभावित परिवारों की मदद करनी चाहिए।
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