Haryana News: वेरिफिकेशन के बिना खतरा ही खतरा, बाहरी श्रमिकों को लेकर ग्रामीणों में चिंता
कनीना और आसपास के गांवों में बाहरी श्रमिकों को बिना पुलिस सत्यापन के किराए पर मकान देने से सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे अपराध का खतरा बढ़ सकता है। पुलिस सत्यापन की अनिवार्यता पर जोर दिया जा रहा है ताकि इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और अपराधियों को पकड़ना आसान हो।

जागरण संवाददाता, कनीना। कस्बे व आसपास के गांवों में बाहर से आए श्रमिकों को बिना पुलिस सत्यापन के मकान किराए पर दिए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गंभीर खतरा बन सकता है, क्योंकि कोई भी अपराध होने पर ऐसे लोग आसानी से फरार हो सकते हैं। प्रवीण गौतम ने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से आए श्रमिक रह रहे हैं।
इनमें से कई की पहचान स्पष्ट नहीं है कि वे कहां से आए हैं। ऐसे में बिना सत्यापन के मकान में रहना खतरनाक है। यदि कोई अपराध हो जाए तो बाद में केवल औपचारिकता ही बचती है। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि ऐसे किरायेदारों का सत्यापन प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
एडवोकेट मनोज शर्मा ने कहा कि कनीना क्षेत्र में हजारों श्रमिक बिना सत्यापन के रह रहे हैं। ये लोग अधिकतर जर्जर मकानों में रहते हैं, जहां न तो बिजली है और न ही शौचालय। नतीजतन, ये गंदगी व प्रदूषण फैलाते हैं। कई लोग सरकारी सुविधाओं का लाभ भी उठा रहे हैं, यहां तक कि राशन कार्ड भी बनवाए हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग स्वार्थ के कारण पुलिस सत्यापन नहीं करवाते, जिससे समस्या बढ़ रही है। अनिल जांगड़ा ने कहा कि पुलिस सत्यापन अनिवार्य करने से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि अपराधी को पकड़ना भी आसान होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सख्ती नहीं बरती गई, तो किसी दिन कोई बड़ी घटना घट सकती है।
जानिए पुलिस सत्यापन क्यों जरूरी
- बिना सत्यापन के किरायेदार रखने पर मकान मालिक पर भी कार्रवाई हो सकती है।
- बाहरी काम करने वालों की पहचान और पते का रिकॉर्ड पुलिस के पास होगा।
- किसी भी अपराध की स्थिति में आरोपी को पकड़ना आसान होगा।
- अवैध रूप से रह रहे बाहरी लोगों की संख्या कम होगी।
- मकान मालिक और इलाके दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।