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    भिवानी और कोरियावास GMC में MBBS में दाखिले की उम्मीद बढ़ी, सीएम सैनी और केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री को लिखा पत्र

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 03:25 PM (IST)

    हरियाणा के नारनौल और भिवानी में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 150-150 सीटों पर दाखिले शुरू करने की तैयारी है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अनुमति पत्र जारी करने का अनुरोध किया है। इन कॉलेजों में कक्षाएं शुरू करने के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति और बिजली आपूर्ति जैसी कई चुनौतियां हैं।

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    आशा है कि चालू शिक्षा सत्र में ही इन दोनों मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।

    जागरण संवाददाता, नारनौल। राजकीय महर्षि च्यवन मेडिकल काॅलेज कोरियावास (नारनौल) और राजकीय मेडिकल काॅलेज भिवानी में एमबीबीएस की 150-150 सीटों पर दाखिले की कवायद तेज हो गई है। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान तथा आयुष मंत्री आरती सिंह राव ने इन दोनों मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस दाखिले शुरू करने के लिए अनुमति पत्र (एलओपी) जारी करवाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

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    अभी भी कई चुनौतियां

    आशा है कि चालू शिक्षा सत्र में ही इन दोनों मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। हालांकि, देखने वाली बात यह होगी कि स्वास्थ्यमंत्री के यह प्रयास कितने रंग लाते हैं क्योंकि महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल काॅलेज में कक्षाएं शुरू करने को लेकर अभी भी कई चुनौतियां हैं।

    स्वास्थ्यमंत्री के प्रयासों से काॅलेज में डेपूटेशन पर करीब 125 चिकित्सकों की नियुक्ति कर दी गई है। 150 सीटों पर पढ़ाने वाले चिकित्सकों की आवश्यकता पूरी करना अभी भी चुनौतिपूर्ण कार्य है। काॅलेज में हाटलाइन बिजली कनेक्शन नहीं है।

    मेडिकल काॅलेज का अपना सब स्टेशन नहीं बनाया जा सका है। लाइन बिछाने के लिए वन विभाग से अनुमति नहीं मिल पाई है। कक्षाएं शुरू हो जाएंगी तो काॅलेज में बिजली के कटों की समस्या बनी रहेगी, जो कि बड़ी परेशानी मानी जाती है। इन बाधाओं के बीच स्वास्थ्यमंत्री ने सराहनीय प्रयास किए हैं।  

    चिकित्सकों की संख्या पूरी हो

    स्वास्थ्यमंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल काॅलेज स्थापित करना है, ताकि चिकित्सकों की संख्या पूरी हो और सस्ती एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।

    उन्होंने कहा कि राज्य में निर्माणाधीन छह सरकारी मेडिकल काॅलेजों में से भिवानी और कोरियावास के संस्थान पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं। भिवानी काॅलेज को केंद्र प्रायोजित योजना के पहले चरण के तहत विकसित किया गया है जबकि कोरियावास काॅलेज राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है।

    राज्य सरकार ने चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 से दोनों काॅलेजों में 150-150 एमबीबीएस छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति के लिए जनवरी 2025 में ही राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर दिया था। इसके लिए अनुमति का इंतजार है।

    चालू सत्र में ही प्रवेश संभव हो सके

    ऐसे में उन्होंने केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि एनएमसी तुरंत एलओपी प्रदान करें, ताकि चालू सत्र में ही प्रवेश संभव हो सके।

    स्वास्थ्य मंत्री ने दोहराया कि नए मेडिकल काॅलेजों की स्थापना, स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पूरे हरियाणा में कुशल डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। 

    नए मेडिकल काॅलेजों के आने से छात्रों को विदेश में महंगे विकल्प तलाशने के बजाय हरियाणा में ही एमबीबीएस की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा, जिससे परिवारों के समय और संसाधनों दोनों की बचत होगी।

    जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद 

    हमने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को काॅलेज में 150 सीटों पर दाखिले के लिए एलओपी के लिए आवेदन किया हुआ है। जल्द ही एलओपी मिलने की उम्मीद है। यदि कक्षाएं शुरू होती हैं, तो हमारी सभी तैयारियां पूरी हैं। 

    -डाॅ. पवन गोयल, निदेशक, राजकीय महर्षि च्यवन मेडिकल काॅलेज कोरियावा

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