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    तीन नाइजीरियाई नागरिकों हरियाणा की कोर्ट ने सुनाई सजा, एक दोषी को 10 और दो को 12 वर्ष की कैद

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 10:36 AM (IST)

    नूंह की अदालत ने मादक पदार्थ तस्करी मामले में छह आरोपियों को सजा सुनाई है, जिनमें तीन नाइजीरियाई नागरिक शामिल हैं। उन्हें 10 से 12 साल की कैद और जुर्म ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नूंह। कोरोनाकाल के दौरान के मादक पदार्थ तस्करी के मामले में नूंह की अदालत ने छह आरोपियों को दोषी ठहराते हुए अलग-अलग सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने नाइजीरिया के तीन नागरिकों को 10-़12 वर्ष कैद की सजा सुनाने के साथ उन पर दस व 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

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    जुर्माना नहीं भरने पर छह महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इसके अलावा दो आरोपी नूंह और एक आरोपी पलवल जिले का निवासी है। जिन्हें अदालत ने एक एक साल की सजा और पांच पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला बीते साल 2020 का है। मादक तस्करी के मामले में लगभग 15 साल पहले भी दो विदेशी नागरिकों को सजा सुनाई जा चुकी है।

    जानकारी के अनुसार बीते 30 मार्च 2020 को कोराना वायरस के चलते जिले में लाॅकडाउन लगा हुआ था। उस दौरान पुलिस स्टेशन सदर थाना तावड़ू की पुलिस लाॅ एंड ऑर्डर ड्यूटी पर तैनात थी। एक पुलिस पार्टी केएमपी टोल धुलावट के पास मौजूद थी। उसी दौरान सूचना मिली कि रफीक और मुबारिक निवासी गांव शिकारपुर हेरोइन (चिट्टा) की खरीद-बिक्री में लिप्त हैं।

    वे पलवल से हेरोइन खरीदकर मोटरसाइकिल पर केएमपी के साथ कच्चे रास्ते से शिकारपुर जा रहे हैं। सूचना के आधार पर नाकाबंदी की गई, करीब 10 मिनट बाद दोनों आरोपी मोटरसाइकिल पर आते दिखे। जिन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन वे तेजी से भागने लगे। कच्चे रास्ते के कारण 50 मीटर दूर जाकर मोटरसाइकिल फिसल गई और दोनों गिर पड़े।

    पुलिस ने उन्हें काबू कर लिया। नियम अनुसार दोनों आरोपियों की तलाशी ली गई तो रफीक की पेंट की जेब से पाॅलीथिन में 10.80 ग्राम हेरोइन मिली जबकि मुबारिक की जेब से 10.850 ग्राम हेरोइन मिली। इसके बाद तावडू सदर थाना पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज किया।

    जांच के दौरान पता चला कि रफीक और मुबारिक ने हेरोइन पलवल से खरीदी थी, जहां सोनू उर्फ लोकेश निवासी खुसक बडोली (पलवल) ने सप्लाई की थी। आगे की जांच में नाइजीरियाई नागरिकों की भूमिका उजागर हुई। इनमें चुकवुडी हेनरी, चिदेबेरे पाल, इम्मुएल उर्फ चिदेरा इनोसेंट व ओम्नयी पीटर सोलोमन गिरफ्तार किए गए। जो उस समय दिल्ली में रह रहे थे।

    जिनमें ओम्नयी पीटर सोलोमन को निर्दोष पाया गया। पांच साल तक मामले की सुनवाई चली। मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रेनू राना की अदालत ने दोषी मुबारिक व रफीक निवासी शिकारपुर, सोनू उर्फ लोकेश निवासी पलवल को एक एक वर्ष की सजा और पांच पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

    जबकि नाइजीरियाई नागरिक चिदेबेरे पाल को 10 वर्ष की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना, चुकवुडी हेनरी और इम्मुएल उर्फ चिदेरा इनोसेंट को 12- 12 वर्ष की सजा और दस दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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