सायरा हत्याकांड में हाईकोर्ट का कड़ा रुख, अदालत ने हरियाणा सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
मेवात के तावडू में सायरा हत्याकांड मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। याचिकाकर्ता खैरुनिशा ने आरोप लगाया है कि सायरा की हत्या गांव के दबंगों ने की और शव को कुएं में फेंक दिया। पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए खैरुनिशा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिस पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है।

संवाद सहयोगी, तावड़ू (मेवात)। मेवात जिले के तावडू क्षेत्र में संदिग्ध सायरा हत्याकांड मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। यह निर्देश याचिकाकर्ता खैरुनिशा (सायरा की पुत्री) की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर 2025 को निर्धारित की गई है।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता खालिद हुसैन ने बताया कि जिले के तावडू के गांव खरखड़ी में बीते साल पांच मई 2024 को एक विवाह समारोह के दौरान सायरा नामक महिला रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गईं।
सायरा अपने मायके में शादी में शामिल होने आई थीं और उनके साथ उनकी बेटी खैरुनिशा समेत परिवार के अन्य सदस्य भी साथ थे। खैरुनिशा के अनुसार छह मई 2024 को रात करीब 12 बजे सायरा घर से गायब हो गईं।
परिवार ने उन्हें काफी तलाश किया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अगले दिन सात मई 2024 को गांव के सरपंच की मौजूदगी में एक कुएं से सायरा का शव बरामद हुआ। दावा किया गया कि मृतका के शरीर में गंभीर चोटों के निशान, सिर की हड्डी टूटने और तीन महीने गर्भवती होने की पुष्टि हुई।
खैरुनिशा ने आरोप लगाया कि सायरा को गांव के ही कुछ प्रभावशाली दबंग प्रवृत्ति के लोगों ने मारा है और सबूत नष्ट करने के लिए उसके शव को कुएं में डाल दिया। खैरुनिशा का आरोप है कि गांव खरखड़ी के एक पक्ष के करीब आठ लोगों ने सायरा पर हमला किया।
इसके अलावा सरपंच और एक अन्य पर सबूत नष्ट करने और मामले को रफा-दफा करने का आरोप है। सरपंच ने खुद एक दरखास्त लिखकर थाने में दी जबकि एक युवक ने शव निकालने की वीडियो डिलीट कर दी।
इस घटना के बाद स्वजन ने पहले थाना सदर तावडू में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। बाद में नूंह पुलिस अधीक्षक, एडीजीपी दक्षिणी हरियाणा रेवाड़ी रेंज और डीजीपी पंचकूला को शिकायतें भेजी गईं। लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फिर जुलाई 2024 में खैरुनिशा ने अधिवक्ता खालिद हुसैन के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। याचिका में स्थानीय पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की गई।
अदालत ने गंभीर आरोपों को देखते हुए हरियाणा सरकार को 11 नवंबर 2025 तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट में अब तक उठाए गए कदमों का विवरण भी मांगा गया है।
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