पलवल में यमुना नदी उफान पर, बाढ़ की आशंका के चलते 20 गांवों में अलर्ट जारी
पलवल में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन तटबंधों को मजबूत करने में जुटा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। 2023 से भी ज्यादा पानी आने की आशंका जताई जा रही है।

जागरण संवाददाता, पलवल। हथनी कुंड बैराज से सोमवार सुबह छोड़ा गया दो लाख 38000 क्यूसेक पानी के बुधवार को पलवल क्षेत्र में स्थित यमुना नदी में पहुंचने की संभावना है। इससे यमुना नदी किनारे बसे खादर के 20 गांवों में बाढ़ आने की आशंका है।
अभी यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ दो फुट कम है। इसी खतरे को देखते हुए प्रशासन ने गांवों की आबादी तक पानी के बहाव को रोकने के लिए तटबंधों को मजबूत करना शुरू कर दिया है। प्रशासन के साथ ग्रामीण भी मंगलवार को इस कार्य में जुटे रहे।
दोस्तपुर, राजूपुर, बागपुर गांव के किसान अपनी बकरियों, भैंस और गोवंश को मोहना स्थित मंडी में सुरक्षित स्थान पर ले जाते दिखे। गांवों में मुनादी कर लोगों को अलर्ट पर रहने को कहा जा रहा है।
ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि यमुना नदी में पशुओं को पानी पिलाने और स्नान के लिए न जाएं। बच्चों को भी नदी से दूर रखें। बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा मोहबलीपुर और इंदिरा नगर में बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जिले में यमुना का क्षेत्र करीब 40 किलोमीटर है। यमुना किनारे बसे गांवों में पहले ही लगातार वर्षा और पहले छोड़े गए पानी से करीब तीन हजार एकड़ फसल प्रभावित हो चुकी है।
अब आशंका जताई जा रही है कि आने वाले पानी से पांच से आठ हजार एकड़ तक की फसल प्रभावित हो सकती है। जिले के यमुना किनारे बसे गुरवाड़ी, बागपुर, पहलादपुर, राजूपुर, दोस्तपुर, भोल्डा, सोलड़ा, शेखपुर, अतवा, काशीपुर, फाटनगर, सदुआगड़ी, माहोली, मोहबलीपुर, इंदिरा नगर, लहरपुर, रहीमपुर, बलई, बिल्लोचपुर, थंथरी, हसनपुर आदि गांवों में बाढ़ के पानी से ग्रामीण आशंकित हैं।
2023 से भी ज्यादा पानी आने का डर सता रहा
15 दिन पहले बढ़े यमुना के जलस्तर में वृद्धि के कारण किसानों की हज़ारों एकड़ धान,पशुओं के चारे, बाजरा, कपास व सब्जियों की फसल पानी में डूबने से खराब हो गई थी। अब मौजूदा हालातों से यमुना नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों के लोगों को 2023 में आई बाढ़ की चिंता सता रही है।
लोगों का कहना है कि इस बार 2023 से ज्यादा पानी आने का डर सता रहा है। अगर ऐसा हुआ तो पहले ही फसल बर्बाद होने के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। अगर घरों को नुकसान हुआ तो और परेशानी बढ़ जाएगी।
आज से बढ़ना शुरू हो जाएगा जलस्तर
यमुना नदी में जलस्तर के बढ़ने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट पर है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार खादर किनारे बसे गांव का दौरा कर रहे हैं।
मंगलवार को भी खेल मंत्री गौरव गौतम, जिला उपयुक्त हरीश कुमार वशिष्ठ, जिला पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने इन गांव का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया।
वहीं ग्रामीण खुद भी बाढ़ के पानी को लेकर रोकने के लिए जुटे हुए हैं। यमुना नदी का खतरे का निशान 615 फीट पर है, जबकि अभी यमुना नदी का जलस्तर 613 फीट के करीब है।
जलस्तर को देखने के लिए उमड़ रही भीड़
प्रशासन द्वारा यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर मुनादी कराने के बाद भी ग्रामीण पुरुष व महिलाएं बढ़ते जलस्तर को देखने के लिए यमुना नदी के करीब जा रहे हैं। जबकि प्रशासन द्वारा बार-बार लोगों से यमुना नदी के पास नही जाने की अपील की जा रही है।
खेल मंत्री ने किया गांवों का दौरा
यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने मंगलवार को पलवल के आधा दर्जन से अधिक गांवों का दौरा कर निरीक्षण किया।
जिला प्रशासन की टीम को साथ लेकर खेल मंत्री गौरव गौतम ने खादर क्षेत्र के दौरे की शुरुआत बागपुर गांव से की जबकि समापन थंथरी गांव में हुआ।
इस दौरान उन्होंने जलभराव वाले संभावित गांवों का दौरा करते हुए ग्रामीणों से सीधी बातचीत करते हुए स्थिति का जायजा लिया। राजूपुर-दोस्तपुर गांव में बांध की जांच करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
विभिन्न गांवों में ग्रामीणों से रूबरू होते हुए उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिया कि उन्हें हर संभव मदद मुहैया करवाई जाएगी।
उन्होंने बागपुर गांव में जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों व विभागीय अधिकारियों के साथ विभिन्न गांवों के सरपंचों व गणमान्य लोगों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित गांवों में बिजली-पानी की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जलस्तर के मद्देनजर 24 घंटे अलर्ट मोड पर प्रशासन
उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष डाॅ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर जिला प्रशासन 24 घंटे अलर्ट मोड़ पर रहकर एक्शन मोड में कार्य कर रहा है।
यमुना जल स्तर बढ़ने से जिले के तकरीबन एक दर्जन गांवों के प्रभावित होने की संभावना है। उपायुक्त ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मनुष्यों और पशुओं को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
संबंधित विभाग को आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने, बिजली विभाग को गांवों में बिजली की आपूर्ति सहित जनरेटर की व्यवस्था करवाने, स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दवाइयों, ओआएस आदि की उपलब्धता, स्वास्थ्य जांच कैंप लगाने, एंबुलेंस आदि की व्यवस्था कराने को कहा गया है।
बीडीपीओ व कृषि विभाग के अधिकारियों को गांवों में पशु चारे की व्यवस्था करवाने, जिला राजस्व विभाग को बोट हायर करने, लाइफ जैकेट की उपलब्धता, गोताखोरों की व्यवस्था, होम गार्ड, जेसीबी की व्यवस्था, चौबीस घंटे कंट्रोल रूम की मानिटरिंग सहित अन्य आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
चौकीदार 24 घंटे अलर्ट रहते हुए पहरेदारी और मुनादी कर रहे हैं। जिला रेडक्रास विभाग को वालंटियर्स को तैयार रहने सहित संबंधित अधिकारियों को सिविल डिफेंस वालंटियर्स को सतर्क रहने को कहा गया है।
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