हरियाणा के इस जिले में बाढ़ का खतरा, फिर यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की आशंका
पलवल में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की आशंका है क्योंकि हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा गया है। यमुना किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है जिससे किसान चिंतित हैं क्योंकि उनकी फसलें तबाह हो सकती हैं। प्रशासन हालातों पर नजर बनाए हुए है और ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोला गया है।

जागरण संवाददाता, पलवल। हथिनी कुंड बैराज से एक लाख 78 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण आज यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है। अभी यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ चार फुट कम है।
बताया गया कि एक लाख 78 हजार क्यूसेक पानी आने के बाद इसमें वृद्धि होने की संभावना है। हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण जिले में यमुना किनारे बसी आबादी को बाढ़ की चिंता सता रही है। सबसे ज्यादा निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वहीं प्रशासन भी किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए अपनी तैयारियों के साथ हालातों पर नजर बनाए हुए है।
उल्लेखनीय है कि जिले में यमुना नदी के किनारे बागपुर, दोस्तपुर, भोल्डा, सोलड़ा, राजुपुर, शेखपुर, अतवा, बिल्लोचपुर, काशीपुर, लहरपुर, फाटनगर,सदुआगढ़ी, माहोली , इंदिरा नगर, गुरवाड़ी, रहीमपुर, बलई, भवाना आदि गांव बसे हुए हैं।
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही इन गांवों में पानी घुसने की आशंका रहती है। इस सीजन में पहले ही कई खादर के कई गांवों में वर्षा और यमुना नदी का पानी खेतों में खड़ा हुआ है। इससे खेतों में किसानों की फसल पूरी तरह से तबाह हो चुकी है।
किसानों को बीच में दो दिन जलस्तर घट जाने के कारण धान की फसल बच जाने की उम्मीद जगी थी। लेकिन फिर से किसानों को धान की फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है। जिसके कारण किसानों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाएगा। अब ग्रामीणों को डर सता रहा है कि यदि यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाता है तो आबादी में पानी घुस सकता है और हालात बिगड़ सकते हैं।
615 फुट पर है खतरे का निशान
अभी यमुना नदी का जलस्तर 611 फुट पर है, जबकि खतरे का निशान 615 फुट है। यदि पानी और बढ़ता है तो हालात अत्यधिक खराब हो सकते हैं। वर्ष 2023 में भी यमुना नदी में जलस्तर बढने से आई बाढ़ के कारण खादर के गांवों में पानी घुस गया था। ग्रामीणों की फसल समेत मकानों को बड़ा नुकसान पहुंचा था।
सिंचाई विभाग के एक्सईएन मोहित वशिष्ठ के अनुसार, मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर बढ़ सकता है। तीन एजेंसियां नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लगाई गई हैं। यमुना नदी के पानी को रोकने के लिए पांच हजार कट्टे रेती से भरकर लगाए जा रहे हैं। करीब दर्जनभर जेसीबी यमुना किनारे तैनात की गई हैं विभाग हालातों पर पूरी नजर बनाए हुए है।
फसलों में नुकसान को लेकर 31 अगस्त तक खोला गया ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल
यमुना किनारे समेत जिले में भारी वर्षा और जल भराव के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 31 अगस्त तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने का निर्णय लिया गया है। यमुना किनारे खादर के गांवों में वर्षा और यमुना नदी का पानी खेतों के घुस जाने से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई थी। इसी नुकसान के दावों को अपलोड करने के लिए प्रभावित गांवों और किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है।
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जिला प्रशासन हालातों पर नजर बनाए हुए है। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा गया है, लेकिन अभी कोई परेशानी वाली बात नहीं है। किसी भी परिस्थित से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार है। लोगों से अपील है कि किसी भी सहायता के लिए जिला प्रशासन से संपर्क करें। - हरीश वशिष्ठ, जिला उपायुक्त
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