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    Haryana News: सैलरी देकर ठगी का गिरोह चला रहा था मास्टरमाइंड यश, एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी को दिया अंजाम

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 02:05 PM (IST)

    पलवल पुलिस ने बिहार-नेपाल बॉर्डर पर सक्रिय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह का मास्टरमाइंड जोधपुर का यश था जो कंबोडिया के ठगों के संपर्क में था। गिरोह टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को ठगता था। पुलिस ने 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो एक करोड़ से अधिक की ठगी में शामिल थे। आरोपितों को 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था।

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    साइबर क्राइम पुलिस ने बिहार के जोगबनी पकड़ा था गिरोह। जागरण अर्काइव।

    जागरण संवाददाता,पलवल। बिहार (नेपाल बार्डर) से साइबर ठगी का काम बीते तीन महीनों से चल रहा था। गिरोह का मास्टरमाइंड जोधपुर (राजस्थान) निवाली यश था। तीन के रिमांड में यश ने पुलिस को बताया, उसने गिरोह के बाकी सदस्यों को 25 से 30 हजार प्रतिमाह के वेतन पर ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए रखा था।

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    इसके अलावा युवकों को अलग से कमीशन भी दिया जाता था। रिमांड में उसने यह भी खुला किया है कि वह टेलीग्राम के माध्यम से ठगी को अंजाम देने वाले कंबोडिया के ठगों के संपर्क में आया था। पुलिस ने गिरोह के बाकी नौ सदस्यों को अदालत में पेशकर जेल भेज दिया है।

    बता दें कि पलवल साइबर पुलिस ने सोमवार को 1500 किलोमीटर दूर जोगबनी, बिहार (नेपाल बार्डर) से एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। ये आरोपित देश के अलग-अलग राज्यों में 100 से अधिक साइबर धोखाधड़ी के मामलों में शामिल थे, जिनमें एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई थी।

    पुलिस ने कॉल सेंटर से इस गिरोह के मास्टरमाइंड यश परिहार (राजस्थान), विजय उपाध्याय (नेपाल), सोजस नाथ (पश्चिम बंगाल), रवि सिंह (राजस्थान), भागचंद (राजस्थान), गजेंद्र सिंह सैनी (राजस्थान),जिरनजीत दास (पश्चिम बंगाल), नरेंद्र सिंह (राजस्थान), पंकज देवड़ा (राजस्थान), रोहित भार्गव (मध्य प्रदेश)को गिरफ्तार किया था। यश परिहार को छोड़कर सोमवार को सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

    यश परिहार ने बताया कि वह कंबोडिया से चलने वाले साइबर ठग गिरोह के लिए काम करते थे। वह करीब तीन महीनों से यह काम कर रहा था। कंबोडिया से चलने वाले गिरोह लोगों को टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर कई गुना मुनाफे का झांसा देता।

    इसके बाद जब लोग गिरोह के झांसे में आ जाते तो उनके पैसे निवेश के नाम पर लगवाकर उनसे ठगी की जाती थी। गिरफ्तार सभी आरोपित साइबर ठगी के पैसे अपने खातों में डलवाते और यह राशि कंबोडिया भेज देते। इसके बदले में आरोपितों को 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था।