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    हरियाणा में आएंगी 325 इलेक्ट्रिक बसें, हर जिले में ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर; लगेंगे 13 सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 04:42 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने राज्य को स्वच्छ वातावरण देने के लिए स्टेट एनवायरमेंट प्लान-2025 जारी किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। योजना के तहत प्रदेश में ठोस कूड़ा निस्तारण के लिए 13 प्लांट लगेंगे हर जिले में ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर बनेंगे और इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।नागरिकों से पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहयोग करने की अपील की गई है।

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    सीएम नायब ने जारी किया स्टेट एनवायरमेंट प्लान-2025। फोटो एक्स

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य को स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए स्टेट एनवायरमेंट प्लान-2025 जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया कि स्टेट एनवायरमेंट प्लान के लागू होने से हरियाणा के सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।

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    राज्य सरकार की योजना के मुताबिक प्रदेश में ठोस कूड़ा निस्तारण के लिए 13 समेकित (इंटीग्रेटिड) सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इलेक्ट्रानिक कचरे के निपटान के लिए हर जिले में ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर्स स्थापित होंगे। गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें मंगवाई जाएंगी तथा राज्य में 18 नये वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।

    पंचकूला में स्टेट एनवायरमेंट प्लान 2025 जारी करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने नागरिकों से कहा कि वे पानी बचाएं, पौधे लगाएं और वातावरण को स्वच्छ बनाने में सहयोग प्रदान करें। पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर की मौजूदगी में उन्होंने नान- सीओ2 पाथवेज रिपोर्ट 2025-26 का विमोचन भी किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में स्टेट एनवायरमेंट प्लान लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बन गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में कुछ ऐसे लोग भी हुए हैं, जो वाहवाही लूटने के लिए डंपिंग ग्राउंड पर खड़े होकर कचरे को साफ करने की बातें करते थे, लेकिन कचरा कभी साफ नहीं हुआ।

    पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में कचरे के निपटान की दिशा में हमने मजबूत कदम उठाए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि हरियाणा के शहरों में हर रोज 5,600 टन ठोस कचरा पैदा होता है, जिसमें से 77 प्रतिशत का निपटान हो रहा है, लेकिन 23 प्रतिशत कचरे का प्रबंधन बाकी है। इसके समाधान के लिए पूरे राज्य में 13 इंटीग्रेटेड सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

    हर जिले में बनेंगे ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर

    मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इलेक्ट्रानिक कचरा भी एक बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए प्रदेश में 42 ई-वेस्ट रीसाइक्लर काम कर रहे हैं। आने वाले समय में हर जिले में ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर स्थापित करना सरकार का लक्ष्य है।

    प्रदेश के लगभग सात हजार अस्पतालों से प्रतिदिन निकलने वाले 22 टन बायोमेडिकल अपशिष्ट का शत-प्रतिशत निपटान किया जा रहा है। यह निपटान 11 सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट निपटान सुविधाओं के माध्यम से हो रहा है।

    गैस जेनरेटर, गैस बायलर और एडवांस मानिटरिंग उपकरणों पर सब्सिडी

    नायब सैनी ने बताया कि वायु प्रदूषण जैसी बड़ी चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार ने वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर 3600 करोड़ रुपये की लागत के ''क्लीन एयर प्रोजेक्ट फार सस्टेनेबल डेवलपमेंट'' की शुरुआत की है।

    इसके तहत गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इलेक्ट्रिक आटो के लिए सब्सिडी दी जाएगी। डीजल के जेनरेटर के स्थान पर गैस से चलने वाले जेनरेटर, गैस बायलर और एडवांस मानिटरिंग उपकरणों के लिए भी सब्सिडी दी जाएगी।

    375 इलेक्ट्रिक बसें आएंगी, 50 मिल चुकी, 105 मिलने वाली

    मुख्यमंत्री के अनुसार सरकार ने प्रदेश के शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना पर पहले ही काम शुरू किया हुआ है। सिटी बस सेवा के लिए 375 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की प्रक्रिया जारी है। इनमें से 50 बसें मिल चुकी हैं तथा 105 बसें और मिल जाएंगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पूरे राज्य में 370 से अधिक ईवी-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

    वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण पराली जलाना भी रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को पराली प्रबंधन के लिए एक लाख से ज्यादा मशीनें दी गई हैं। पराली जलाने की घटनाओं में वर्ष 2016 से अब तक 90 प्रतिशत की कमी आई है।

    जल प्रदूषण रोकने को डिस्चार्ज प्वाइंट्स को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ेंगे

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सीएनजी और पीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। वायु की गुणवत्ता की निगरानी लगातार की जा रही है। इसके लिए प्रदेश में 29 स्वचालित और 46 मैनुअल वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन कार्यरत हैं।

    आने वाले समय में 18 और स्टेशन स्थापित करने की योजना है। जल प्रदूषण रोकने के लिए सरकार का लक्ष्य सभी डिस्चार्ज प्वाइंट्स को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ने का है। आज हरियाणा में 201 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कार्यरत हैं।

    मसानी बैराज पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित

    मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि रेवाड़ी के मसानी बैराज में बरसाती पानी के साथ-साथ रेवाड़ी और धारूहेड़ा के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी भी इकट्ठा होता है। इस पानी को साफ कर खेती और अन्य कामों में लाया जाता है। इसके अलावा, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के शोधित पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने की 27 योजनाएं तैयार की हैं।

    इनमें से 11 पूरी हो चुकी हैं। इनसे सिंचाई के लिए एक स्थायी जल स्रोत मिलेगा, नहरों पर दबाव कम होगा और भूजल का दोहन भी घटेगा। प्रदेश सरकार मसानी बैराज को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित कर रही है, ताकि इसी माडल को पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके। वर्ष 2026 तक प्रदेश में तालाबों के जीर्णोद्धार करने का लक्ष्य रखा गया है।

    चालान और जुर्माने की बजाय जागरूकता जरूरी-राव नरबीर

    हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम जैसे शहरों में कचरे के बड़े ढेर इसलिए लगते हैं क्योंकि लोग गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं डालते।

    केवल चालान करने या जुर्माना लगाने से यह समस्या खत्म नहीं होगी। जब तक लोग स्वयं जागरूक होकर प्लास्टिक का उपयोग बंद नहीं करेंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं है। राव ने सुझाव दिया कि विवाह और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में निमंत्रण पत्रों की जगह डिजिटल निमंत्रण को अपनाया जाए।