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    हरियाणा: गरीब बच्चों को दाखिला नहीं देने वाले करीब 1700 निजी स्कूलों पर गिरी गाज, ठोका भारी जुर्माना

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 07:53 PM (IST)

    हरियाणा शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत गरीब बच्चों को दाखिला न देने और दस्तावेज अपलोड न करने पर 1680 निजी स्कूलों पर जुर्माना लगाया है। प्राइवेट स्कूल संघ ने इस कार्रवाई का विरोध किया है और शिक्षा विभाग से चिराग योजना और 134-ए के तहत बकाया राशि का हिसाब मांगा है। संघ ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

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    1680 निजी स्कूलों पर लगाया 70 हजार रुपये का जुर्माना। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों को दाखिला नहीं देने और मान्यता के दस्तावेज पोर्टल पर समय पर अपलोड नहीं करने पर शिक्षा विभाग ने 1680 निजी स्कूलों पर जुर्माना ठोक दिया है। इन स्कूलों पर 30 हजार से लेकर 70 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है।

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    इस कार्रवाई के विरोध में उतरे प्राइवेट स्कूल संघ ने शिक्षा विभाग से चिराग योजना और 134-ए के तहत वर्षों से लंबित बकाया राशि को लेकर हिसाब मांगा है।  प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि आरटीई के तहत खाली सीटों की जानकारी न देने व मान्यता संबंधी दस्तावेज समय पर अपलोड न करने से हजारों स्कूलों के एमआइएस पोर्टल शिक्षा विभाग ने तीन महीने पहले बंद कर दिए थे।

    अब शिक्षक दिवस के दिन 1680 निजी स्कूलों पर भारी-भरकम जुर्माना लगा दिया गया, जो सरासर गलत कदम है। इस मामले में शिक्षा विभाग की भी लापरवाही रही है क्योंकि उन्होंने मेल, टेलीफोन या लिखित सूचना के माध्यम से स्कूलों को समय रहते सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा कि 2023-24 में शिक्षा विभाग ने चिराग योजना के तहत छात्रों के कागजात सत्यापित करके निर्धारित राशि भी स्कूल को भेज दी, लेकिन जब यह बच्चे अगली कक्षा में हो गए तो सत्र 2024-25 में चिराग योजना की लिस्ट में इनका नाम ही नहीं आया और कोई पैसा स्कूल को नहीं मिला।

    यह सरासर शिक्षा विभाग की लापरवाही है। इसका जुर्माना कौन भरेगा? उन्होंने आरोप लगाया कि नियम-134ए का नौवीं से बारहवीं कक्षा तक दस वर्षों का पैसा किसी भी स्कूल को नहीं दिया गया। यहां तक कि दूसरी से आठवीं तक का भी 134-ए का दो वर्षों का पैसा बकाया है।

    इसका जुर्माना कौन भरेगा। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि अगर निजी स्कूल से अनजाने में कोई मिस्टेक हो जाए या समय पर कोई दस्तावेज अपलोड न कर पाएं तो उस स्कूल का पोर्टल बंद कर दिया जाता है। या फिर उस स्कूल पर जुर्माना लगा दिया जाता है।

    यह सरासर निजी स्कूलों के साथ अन्याय है। अगर किसी स्कूल से दस्तावेज अपलोड करते समय किसी कागजात की कमी रह जाती है तो उसकी लिखित सूचना स्कूल को जरूर दी जाए ताकि वह उस कमी को समय रहते पूरा कर सके। उन्होंने शिक्षा निदेशक से जुर्माना माफ करने तथा चिराग योजना, आरटीई व 134-ए की बकाया राशि जल्द करने की मांग की है।

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