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    कभी उच्च शिक्षा का केंद्र बनने का वादा करती थी फरीदाबाद की 'अल फलाह' यूनिवर्सिटी, अब आतंकवाद के लिए हुई बदनाम

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 06:28 PM (IST)

    हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी, जो कभी उच्च शिक्षा का केंद्र बनने का वादा करती थी, अब आतंकवाद के आरोपों से घिरी है। 'अल फलाह', जिसका अर्थ सफलता होता है, अब आतंकी गतिविधियों के लिए सवालों के घेरे में है। यूनिवर्सिटी पर आरोप है कि वह आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

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    अरबी भाषा के शब्द अल फलाह के विपरीत जाकर आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनी यूनिवर्सिटी (फोटो: जागरण)

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में फरीदाबाद जिले के मुस्लिम बहुल धौज गांव में बनी अल फलाह यूनिवर्सिटी और उसका 76 एकड़ में फैला परिसर दुनिया भर में सुर्खियों में है।

    धौज गांव मुस्लिम बहुल जिले नूंह की सीमा से सटा हुआ है, जहां साइबर अपराध के साथ आतंकवाद के निशान कई बार देखने को मिल चुके हैं। फरीदाबाद-नूंह जिलों की सीमा पर स्थापित इस यूनिवर्सिटी का नाम अरबी शब्द पर रखा गया है।

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    अल फलाह अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब मोक्ष या फिर सफलता की तरफ जाना होता है। अल फलाह यूनिवर्सिटी की ओर से मान्यता के लिए आवेदन करते हुए हरियाणा सरकार को भरोसा दिलाया गया था कि वह उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने तथा गरीबों को सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में काम करेगी, लेकिन यूनिवर्सिटी अपना वादा पूरा नहीं कर पाई और उसका सफर आतंकवाद को पोषित करने में कट गया।

    इस्लामिक परंपरा में अल फलाह के मायने काफी गहरे हैं। कई बार इस शब्द का इस्तेमाल अजान में बुलाने के तौर पर भी किया जाता है। अल्लाह के बताए रास्ते पर चलना और सफलता को पाने वाले के लिए अल फलाह शब्द का इस्तेमाल होता है, लेकिन यूनिवर्सिटी में जिस तरह आतंकवाद की घटनाओं के तार जुड़े हैं, उससे इस यूनिवर्सिटी के नाम की विश्सवनीयता पर सवाल खड़े हो गये हैं।

    अल फलाह यूनिवर्सिटी की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कालेज के रूप में हुई थी। 2013 में अल-फलाह इंजीनियरिंग कालेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) से ‘ए'' कैटेगरी की मान्यता प्राप्त हुई। अल-फलाह मेडिकल कालेज भी इसी यूनिवर्सिटी से संबद्ध है।

    हरियाणा सरकार ने दो मई 2014 को हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल (2006) में संशोधन कर इसे प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता प्रदान की। उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे।

    हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी संशोधित बिल (2014) के माध्यम से तब राज्य में 17 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी गई थी। इनमें अल फलाह यूनिवर्सिटी का नंबर 16वां था। पहले स्थान पर ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी सोनीपत और 15वें नंबर पर अशोका यूनिवर्सिटी सोनीपत का नाम दर्ज है। अशोका यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र हरियाणा सरकार में सुशासन सहयोगी बनते चले आ रहे हैं।

    हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी संशोधित बिल (2014) विधानसभा में पेश करते हुए सरकार की ओर से कहा गया था कि राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी है। अल फलाह यूनिवर्सिटी की ओर से मान्यता के लिए हरियाणा सरकार को यह कहते हुए प्रतिवेदन दिया गया था कि विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य उच्च शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और ज्ञान के प्रसार को प्रोत्साहित करना होगा।

    हरियाणा के विद्यार्थियों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी, जिनमें 10 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए रखी गई हैं। यूनिवर्सिटी का फाउंडर वाइस चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी धोखाधड़ी के एक केस में तीन साल तिहाड़ जेल में गुजार चुका है। शुरुआती सालों में अल फलाह यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक छात्रों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया के विकल्प के रूप में सामने आई।

    इसमें एमबीबीएस का कोर्स साल 2019 से शुरू हुआ था। इस यूनिवर्सिटी में 40 प्रतिशत डाक्टर कश्मीर से हैं। इस यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी जैसे कई कोर्स चलाए जाते हैं। इसका मेडिकल कालेज काफी प्रसिद्ध है, जहां एमबीबीएस की 200 सीटें और एमडी की 38 सीटें हैं। एमबीबीएस की कुल फीस 80 लाख रुपये तक है।

    दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से केवल 30 किलोमीटर दूर स्थित इस यूनिवर्सिटी का प्रबंधन अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जिसकी स्थापना 1995 में हुई थी। ट्रस्ट के अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी हैं, उपाध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल्ला कासिमी (एमए) और सचिव मोहम्मद वाजिद (डीएमई) हैं। अल फलाह यूनिवर्सिटी के वर्तमान रजिस्ट्रार प्रोफेसर (डा) मोहम्मद परवेज हैं।

    डा. भूपिंदर कौर आनंद कुलपति हैं। यह यूनिवर्सिटी तीन कालेजों में शिक्षा प्रदान करती है, अल-फलाह स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी, ब्राउन हिल कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी और अल-फलाह स्कूल आफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग।

    दिल्ली में लाल किले के निकट हुए विस्फोट में यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डाक्टरों सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े ‘आतंकी माड्यूल'''' का खुलासा हुआ है, जो जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था।