'चंडीगढ़ पर पूरा नियंत्रण व प्रभुत्व स्थापित करना चाह रही सरकार', रणदीप सुरजेवाला ने आर्टिकल 240 में बदलाव का किया विरोध
ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार पंजाब और हरियाणा के बीच अनावश्यक दुश्मनी पैदा कर रही है, जिसका उद्देश्य भाखड़ा बांध के बाद से पानी के बंटवारे की व्यवस्था को बाधित करना है। पंजाब सरकार टकराव पैदा कर रही है। केंद्र ने पंजाब विश्वविद्यालय की संरचना को नष्ट करने की कोशिश की, जिसे नेहरू ने लोकतांत्रिक तरीके से बनाया था, लेकिन विरोध के बाद आदेश वापस लेना पड़ा।
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चंडीगढ़ पर पूरा नियंत्रण व प्रभुत्व स्थापित करना चाह रही सरकार- सुरजेवाला। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 240 में बदलाव करने का भारत सरकार का कदम संघीय ढांचे (फेडरलिज्म) को कमजोर करने की एक इरादतन साजिश है।
यह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के अंतर्गत चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी रखने के हरियाणा और पंजाब के अधिकारों पर भी सीधे हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अब आर्टिकल 240 में बदलाव कर हरियाणा और पंजाब राज्यों की मूलभूत भावनाओं, अधिकारों और जज्बे पर हमला बोलने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
केंद्र सरकार हरियाणा और पंजाब के लोगों की इच्छा के विरुद्ध चंडीगढ़ पर अपना पूरा नियंत्रण व प्रभुत्व स्थापित करना चाहती है, जहां बाहर से लगाए प्रशासक दिल्ली के इशारों पर चंडीगढ़ का “राज” चलायेंगे और उसमे हरियाणा और पंजाब के लोगों की रत्ती भर भी हिस्सेदारी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ का संतुलन बिगाड़ने के इन प्रयासों को सिरे नहीं चढ़ने दिया जाएगा। हरियाणा एवं पंजाब के नेताओं को आर्टिकल 240 में बदलाव का विरोध करना चाहिए। इन दोनों राज्यों की एक साझा विरासत है। चंडीगढ़ और साझा संस्थानों को बांटने वाली राजनीति का शिकार न बनने दें।
कांग्रेस महासचिव ने एक इंटरनेट मीडिया पोस्ट के माध्यम से सवाल उठाया कि केंद्र सरकार व भाजपा द्वारा हरियाणा और पंजाब राज्यों के साथ दुश्मन जैसा बर्ताव किया जा रहा है। हरियाणा और पंजाब के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए इरादतन काम किया जा रहा है।
भारत सरकार ने बदनीयत से भाखड़ा डैम पर पंजाब पुलिस को कब्जा करने देने और उसके गेट बंद करने की इजाजत देकर और डैम पर हरियाणा के पानी के अधिकारों से छेड़छाड़ कर दोनों भाइयों यानी हरियाणा और पंजाब के बीच फूट के बीज बोने का काम किया।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले खरीफ सीजन में भाखड़ा डैम से हरियाणा के लिए पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा गया, जिससे जलाशय में बहुत ज्यादा पानी भर गया और पंजाब को भयंकर बाढ़ का संकट झेलना पड़ा।
ऐसा लगता है कि भारत सरकार का एकमात्र लक्ष्य दोनों राज्यों के बीच बेवजह शत्रुता उत्पन्न करना और पंडित नेहरू द्वारा भाखड़ा डैम बनाए जाने के बाद से दोनों राज्यों के बीच चले आए पानी के बंटवारे की व्यवस्था को बाधित करना है।
पंजाब की भगवंत मान सरकार सुर्खियां बटोरने के लिए टकराव पैदा कर इस साजिश का एक मोहरा बन गई। बाढ़ की तबाही देखकर उन्हें इसके नतीजे का अहसास हुआ। कांग्रेस सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पंजाब यूनिवर्सिटी की संरचना पूरी तरह तहस नहस करने की कोशिश की गई।
पंडित नेहरू ने पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट 1947 के अंतर्गत पूर्ण लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप एक चुने हुए सीनेट और सिंडिकेट के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी का गठन किया था।
केंद्र सरकार ने बिना किसी प्रयोजन यकायक पंजाब यूनिवर्सिटी अधिनियम के आदेश को नजरअंदाज करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी की लोकतांत्रिक संरचना को खत्म करने हेतु पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत एक गैर-कानूनी आदेश पारित कर दिया। लंबे विरोध के चलते सरकार को इस आदेश को वापस लेना पड़ा।

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