72 करोड़ के गबन में आरोपित को मिली डिफॉल्ट बेल, चालान पेश करने में जरा सी देरी पंचकूला पुलिस पर पड़ी भारी
पंचकूला पुलिस की चालान पेश करने में हुई देरी के कारण 72 करोड़ के गबन के आरोपी को डिफ़ॉल्ट बेल मिल गई। समय पर चालान पेश न करने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं और आरोपित को अदालत से राहत मिली है। इस मामले में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीरू कंबोज की अदालत ने सुनाया आदेश।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। 72 करोड़ रुपये के गबन से जुड़े मामले में आरोपित विजय गर्ग को जिला अदालत से डिफॉल्ट बेल मिल गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीरू कंबोज की अदालत ने कहा कि आरोपित ने जमानत की अर्जी वैधानिक अवधि के भीतर दाखिल की थी, जबकि पुलिस ने चालान (चार्जशीट) बाद में पेश किया।
इस मामले में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की शिकायत पर सेक्टर-7 थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। विजय गर्ग और उसके सहयोगियों पर फर्जी बैंक खातों और दस्तावेजों के माध्यम से 72 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी करने का आरोप है।
पुलिस ने जांच के दौरान कई बैंक रिकाॅर्ड जब्त किए और इसे एक संगठित आर्थिक अपराध बताया। विजय गर्ग को इसी साल 30 जून को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में था।
कोर्ट के समक्ष रखे गए ये तर्क
अभियोजन पक्ष ने अदालत में कहा कि मामला गंभीर है और आरोपित की रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है। विजय गर्ग के वकीलों ने तर्क दिया कि उन्होंने 90 दिन की अवधि पूरी होने के बाद जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जबकि चालान उसी दिन पेश किया गया। चालान देरी से पेश करने पर सवाल उठ रहे हैं।
इसलिए मिलती है डिफॉल्ट बेल
कानून के अनुसार, यदि जांच एजेंसी निर्धारित अवधि में चालान दाखिल नहीं करती तो अभियुक्त को वैधानिक जमानत का अधिकार मिल जाता है। इस मामले में अदालत ने रिकॉर्ड की जांच के बाद डिफाॅल्ट बेल का लाभ देने का आदेश दिया, बशर्ते वे आवश्यक बेल बान्ड और श्योरिटी बान्ड प्रस्तुत करें।

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