हरियाणा में 4 लाख लोगों ने छोड़ीं BPL से जुड़ी सुविधाएं, CM सैनी ने दिया अंतिम मौका; पकड़े जाने पर सख्त एक्शन
हरियाणा सरकार की सख्ती के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अपील पर लगभग चार लाख अपात्र लोगों ने अपनी बीपीएल सुविधाओं का त्याग कर दिया है। सरकार ने अपात्र पाए जाने पर वसूली और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अब राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या घटकर 48 लाख 5 हजार 547 रह गई है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की सख्ती का असर देखने को मिलने लगा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के अपात्र लोगों से स्वयं ही बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले लोगों) को मिलने वाली सुविधाओं का परित्याग करने का आह्वान किया था, जिसे स्वीकार करते हुए राज्य के करीब चार लाख लोग बीपीएल श्रेणी से बाहर हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने ऐसे अपात्र लोगों को बीपीएल श्रेणी से बाहर होने का मौका देते हुए कहा था कि यदि जांच में वे अपात्र पाए गए तो न केवल उनसे पिछली सारी सुविधाओं की वसूली होगी, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
हरियाणा में करीब चार लाख अपात्र लोगों के बीपीएल सूची से बाहर हो जाने के बाद राज्य में अब बीपीएल परिवारों की संख्या 48 लाख 5 हजार 547 रह गया है। जून में यह आंकड़ा सामने आया है।
3 लाख 90 हजार लोगों को नहीं मिलेंगी सुविधाएं
हरियाणा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई माह में बीपीएल श्रेणी से बाहर हो चुके 3 लाख 90 हजार 833 परिवारों को राशन व सुविधाएं नहीं मिलेंगी, क्योंकि उन्होंने नैतिकता के आधार पर स्वयं ही बीपीएल श्रेणी को अलविदा कह दिया है। 31 मार्च को राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या 51 लाख 96 हजार 380 थी, जो अब घटकर 48 लाख से थोड़ा ज्यादा रह गई।
इन आंकड़ों के आधार पर जुलाई माह में चार लाख कम परिवारों का राशन वितरित होगा। चार लाख अपात्र लोगों के नाम सूची से कटने के बाद सरकार के राजस्व का नुकसान बचेगा और इस राशि को वास्तविक जरूरतमंद लोगों के विकास पर खर्च करने में मदद मिलेगी।
सिरसा से सबसे ज्यादा लोग हुए बाहर
सबसे ज्यादा परिवार सिरसा जिले में बीपीएल की सूची से बाहर हुए हैं। हरियाणा में पिछले लंबे समय से बीपीएल की सूची में फर्जीवाड़ा चल रहा है। फैमिली आईडी में आय सही करवाने के बाद यह आंकड़ा लगातार गिर रहा है। हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण के स्टेट कार्डिनेटर डॉ. सतीश खोला का दावा है कि व्यवस्थाओं में सुधार के नतीजों की वजह से बीपीएल श्रेणी के लोगों की सूची कम हो रही है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अपात्र लोगों ने स्वयं को बीपीएल श्रेणी की सूची से बाहर करने की बड़ी पहल की है। यह नियमित प्रक्रिया है। अभी भी यदि अपात्र लोग चाहें तो स्वयं को बीपीएल श्रेणी से बाहर कर सकते हैं।
खुद ही छोड़ रहे योजना का लाभ
नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार की पारदर्शी नीतियों के कारण नागरिक स्वतः गरीबी रेखा से बाहर जा रहे हैं, क्योंकि स्वरोजगार के अंतर्गत रोजगार मिलना, पारदर्शी भर्ती योजना से गरीब परिवारों के बच्चों का सरकारी नौकरी में चयन होना या स्वयं के परिवार प्रबोधन के कारण या अंत्योदय की योजनाओं के लाभ मिलने पर तथा अप्रवासी परिवारों का चले जाने के कारण बीपीएल कार्डों की संख्या कम हुई है।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने जिन जरूरतमंद लोगों के लिए सरकारी लाभ की परिकल्पना की थी, उसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पूरी करने में लगे हैं।
- डॉ. सतीश खोला, स्टेट कार्डिनेटर, हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।