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    हरियाणा में नई मशीनों और गन्ने की नई किस्मों से होगा चीनी मिलों का कायाकल्प, किसानों को समय पर मिलेगा पूरा पैसा

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 10:37 AM (IST)

    हरियाणा में सहकारी चीनी मिलों को आधुनिक बनाने की योजना है। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि आधुनिक मशीनों से रिकवरी बढ़ाई जाएगी और किसानों को गन्ने की नई किस्मों के बीज के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे पैदावार बढ़े। सहकारी चीनी मिलों ने किसानों को पूरा भुगतान कर दिया है, और नारायणगढ़ चीनी मिल दिसंबर तक बकाया राशि का भुगतान कर देगी।

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    हरियाणा में सहकारी चीनी मिलों को आधुनिक बनाने की योजना है, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि आधुनिक मशीनों से रिकवरी बढ़ाई जाएगी (फोटो: जागरण)


    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सहकारी चीनी मिलों में आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। इससे उनकी रिकवरी बढ़ाकर घाटे को कम किया जा सकेगा।
    कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने शनिवार को गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि पैदावार को बढ़ाने के लिए किसानों को गन्ने की बुआई के लिए नई तकनीक का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाए।

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    सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक से जुड़े हुए थे। कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा उतर-पश्चिम क्षेत्र के लिए गन्ने के बीज की जो किस्में रिलीज की जाएंगी, वह किस्में राज्य सरकार द्वारा भी मान्य होगी। इन किस्मों के लिए अलग से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से मान्यता लेने की जरूरत नहीं होगी।

    उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ना के नए किस्मों के बीज के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि गन्ने की पैदावार अधिक निकले और किसानों को अधिक लाभ मिले। इससे मिलों की वर्तमान गन्ना किस्मों की तुलना में गन्ना व चीनी उत्पादन में भी वृद्धि होगी। बैठक में बताया गया कि पिराई सीजन 2024-25 में सहकारी चीनी मिलों द्वारा कुल 1278.50 करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना खरीदा गया था, जिसका पूरा भुगतान किसानों को कर दिया गया है।

    निजी क्षेत्र की नारायणगढ़ चीनी मिल की पिछले पिराई सत्र की किसानों की बकाया राशि है, जो दिसंबर तक दे दी जाएगी। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, कृषि निदेशक राजनारायण कौशिक, हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ के प्रबंध निदेशक शक्ति सिंह, हरियाणा सहकारी समितियां के रजिस्ट्रार महेंद्र पाल, गन्ना सलाहकार डा. रोशन लाल ने भी अपनी बात रखी।