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    हरियाणा में यमुना को प्रदूषित करने वालों पर होगा सख्त एक्शन, 8 नए CETP स्थापित करेगी सरकार

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:23 PM (IST)

    हरियाणा सरकार यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आठ नए कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) स्थापित करेगी। फरीदाबाद और गुरुग्राम में तीन-तीन जबकि सोनीपत और यमुनानगर में एक-एक प्लांट लगाया जाएगा। पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को स्वच्छ यमुना मिशन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इन सीईटीपी की कुल क्षमता 146 एमएलडी होगी और 2027 तक नौ एसटीपी भी पूरे हो जाएंगे।

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    प्रदूषित जल यमुना में डालने से रोकने को लगेंगे आठ सीइटीपी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित जल को यमुना नदी में डालने से रोकने के लिए आठ स्थानों फरीदाबाद और गुरुग्राम में तीन-तीन, सोनीपत और यमुनानगर में एक-एक स्थान पर नए कामन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीइटीपी) लगाने का प्रस्ताव है।

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    हरियाणा के पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छ यमुना मिशन को धरातल पर लाने के लिए अधिकारी सभी आवश्यक तैयारी पूरी करें और जहां-जहां सीइटीपी या एसटीपी लगाने की जरूरत है, वहां निविदा प्रक्रिया पूरी कर काम आवंटित करें।

    कामन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट एक केंद्रीकृत उपचार सुविधा है जो औद्योगिक समूहों में स्थित कई छोटी और मध्यम आकार की इकाइयों से औद्योगिक अपशिष्ट जल को इकट्ठा, परिवहन, उपचार और निपटान करती है।

    पर्यावरण मंत्री बुधवार को चंडीगढ़ में यमुना नदी में प्रदूषण नियंत्रण के संभावित बिंदुओं की समीक्षा कर रहे थे। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में राव नरबीर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरियाणा से दिल्ली की ओर यमुना नदी में जाने वाले स्वच्छ पानी की मात्रा 120 बीओडी बनी रहे।

    बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यमुना नदी के कुछ बिंदुओं को संवेदनशील प्रदूषण की श्रेणी में रखा है। राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशानुसार मुख्य सचिव मासिक बैठक की समीक्षा करते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इसकी समीक्षा त्रैमासिक स्तर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा की जाती है।

    बैठक में जानकारी दी गई कि औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित जल को यमुना नदी में डालने से रोकने के लिए फरीदाबाद और गुरुग्राम में तीन-तीन, सोनीपत और यमुनानगर में एक-एक स्थान पर नए सीइटीपी लगाने का प्रस्ताव है, ताकि प्रदूषित जल को उपचारित किया जा सके और इसका पुनः उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

    इन सीइटीपी की कुल क्षमता 146 एमएलडी होगी। इसके अलावा, 510 एमएलडी क्षमता के नौ एसटीपी का कार्य प्रगति पर है, जिनका दिसंबर 2027 तक पूरा होना अपेक्षित है।

    अब तक यमुनानगर कैचमेंट में 143 एसटीपी और 18 सीइटीपी में ओएमडी डिवाइस लगाए गए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले दो वर्षों में 8287 औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया गया और प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों के उल्लंघन करने पर 828 औद्योगिक इकाइयों पर 198.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।