आईपीएस आत्महत्या मामले में हरियाणा के डीजीपी और एसपी रोहतक की मुश्किल बढ़ी, एफआईआर पर अड़े घरवाले, नहीं होने दिया पोस्टमार्टम
हरियाणा के आईपीएस वाई पूर्ण कुमार की आत्महत्या के मामले में परिवार ने एफआईआर दर्ज न होने तक पोस्टमार्टम न कराने की बात कही है। पत्नी ने डीजीपी और एसपी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। ससुर ने इसे हत्या के बराबर बताते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पूर्ण कुमार को ईमानदार पुलिस अधिकारी बताया है।

आईपीएस पूर्ण कुमार के आत्महत्या मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर आरोप लगे हैं। आईपीएस के परिवार वाले सीएम के समक्ष भी अपनी बात रख चुके हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूर्ण कुमार की आत्महत्या के मामले में परिवार वाले डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए अड़ गए हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आरोपित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह पोस्टमार्टम नहीं करने देंगे। वीरवार को पूर्ण की बेटी अमेरिका से लौट आई। अभी तक उसके आने के इंतजार में पोस्टमार्टम नहीं हो रहा था, लेकिन वीरवार को भी उनका पोस्टमार्टम नहीं हुआ।
बुधवार को पूर्ण कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत कौर ने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ सेक्टर-11 थाना पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति के आत्महत्या के लिए यह दोनों अधिकारी जिम्मेदार हैं। वह उनके पति को झूठे केस में फंसाने की धमकियां दे रहे थे।
अमनीत कौर का कहना है कि उनके पति को पिछले कई वर्षों से प्रताड़ित किया जा रहा था। उनके साथ जातीय भेदभाव भी हो रहे थे, जिसके खिलाफ जब उन्होंने आवाज उठाई तो उलटा उन्हें ही परेशान किया जाता था। उनकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, हालांकि अभी तक किसी पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। वहीं, इस बारे में चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर का कहना है कि इस मामले में कानून के मुताबिक ही कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि वीरवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के समक्ष पर आईपीएस के घरवालों ने अपनी बात रखी है।
हत्या के बराबर ही है सुसाइड
वाई पूर्ण कुमार के ससुर बीएस रत्न ने जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि दो दिन तक चंडीगढ़ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना है कि चंडीगढ़ पुलिस का जीरो एक्शन रहा है। उन्हें लग रहा है कि पूरन कुमार काे किसी बात के लिए परेशान किया जा रहा था, तभी उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा। बीएस रत्न ने कहा कि इन हालातों के लिए जो अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ। उनका मानना है कि सुसाइड भी हत्या के बराबर ही है। कोई तो था जो उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा था।
25 साल पहले ढाई लाख की सैलरी की नौकरी छोड़ी
बीएस रत्न ने कहा कि पूर्ण कुमार एक ईमानदार पुलिस अधिकारी थे। उनके मन में कोई लालच नहीं था। उन्होंने तो हरियाणा के ऐसे इलाकों में भी नौकरी की जहां कोई पोस्टिंग नहीं चाहता था। दो साल तक तो वह रिसर्च एंड एनालसिस विंग(रा)में भी तैनात रहे थे। उन्होंने आइआइएम से पढ़ाई की थी और 25 साल पहले एक निजी कंपनी की ढाई लाख रुपये सेलरी की नौकरी छोड़कर वह पुलिस फोर्स में आए थे। इसलिए उन पर रिश्वत के आरोप लगाना गलत है।
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