आईपीएस पूरन कुमार आत्महत्या केस में हरियाणा मंत्रिमंडल कर रहा मंथन, सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला, चंडीगढ़ में माहौल तनावपूर्ण
आईपीएस पूरन कुमार आत्महत्या मामले में हरियाणा सरकार जल्द फैसला ले सकती है। मंत्रिमंडल इस पर विचार कर रहा है, क्योंकि सरकार पर राजनीतिक और सामाजिक दबाव बढ़ रहा है। घटना के छह दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हुआ है, क्योंकि परिवार डीजीपी की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा है। सरकार परिवार को मनाने की कोशिश कर रही है और मंत्री ने जल्द समाधान की उम्मीद जताई है। पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट की धारा में भी बदलाव किया है।

आईपीएस पूरन कुमार सुसाइड केस में माहौल लगातार तनावपूर्ण होता जा रहा है। उनके घर के बाहर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आईपीएस पूरन कुमार आत्महत्या केस में सरकार जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकती है, जिस पर मंत्रिमंडल मंथन कर रहा है। सरकार पर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का दबाव है। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। चंडीगढ़ में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। परिवार हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर की गिरफ्तारी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़ा है। पूरन कुमार के परिवारिक सदस्यों को मनाने के लिए
हरियाणा सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
रविवार सुबह आईएएस अमनीत पी. कुमार के सेक्टर-11 स्थित आवास पर दो सीनियर आईएएस अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई। वहीं, चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर भी कुछ डॉक्यूमेंट लेकर आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अफसर अमनीत पी. कुमार से मिलने के लिए उनके सेक्टर-24 स्थित सरकारी आवास पर पहुंचीं। एसएसपी करीब सवा दो बजे यहां से निकली।
कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी का कहना है कि हम आईपीएस पूरन कुमार के परिवार से लगातार मिल रहे हैं। परिवार के कहने पर ही रोहतक के एसपी को हटाया। उसे कहीं पोस्टिंग नहीं दी। आज शाम तक मामला सॉल्व हो सकता है। परिवार इस बात पर राजी हो जाएगा कि अंतिम संस्कार किया जाए। वहीं, सीएम नायब सिंह सैनी कह चुके हैं कि सरकार इस मामले की पूरी जांच कराएगी। दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा। अगर किसी व्यक्ति को कोई तंग करेगा तो सरकार उसे नहीं छोड़ेगी।
दो मंत्रियों ने की मनाने की कोशिश, डीएसपी पद के ऑफर
अमनीत कुमार के परिवार को मनाने के लिए शनिवार को एससी समाज से आने वाले कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी तीन बार आईएएस अमनीत के आवास पर पहुंचे। परिवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी रहे नरेंद्र बिजारणिया पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे। रात 11 बजे दोनों मंत्री बिना कोई हल निकले ही चले गए। सूत्रों के मुताबिक अमनीत पी. कुमार की बड़ी बेटी को डीएसपी पद का भी ऑफर दिया गया। हालांकि, परिवार ने इसे स्वीकार नहीं किया। यह भी सामने आया है कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार रिपोर्ट ली जा रही है। केंद्र के निर्देश पर ही नरेंद्र बिजारणिया को रोहतक के एसपी पद से हटाया गया। डीजीपी शत्रुजीत को लेकर भी जल्द कोई निर्देश आ सकता है।
आईपीएस ने 7 अक्टूबर को किया था सुसाइड
7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 की कोठी पर पूरन कुमार ने सुसाइड किया था। 6 दिन बाद शनिवार को सुसाइड के समय की एक फोटो सामने आई। पूरन कुमार की डेडबॉडी उनकी कोठी की बेसमेंट में बने साउंड प्रूफ कमरे में सोफे पर पड़ी है। उनके सिर, नाक और मुंह से खून निकल रहा है। टी-शर्ट भी खून से सनी है। पूरन कुमार दाहिने हाथ में पिस्टल पकड़े हुए हैं। उन्होंने कंबल भी ओढ़ा हुआ है।
इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट की धारा बदल दी है। एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (R) की जगह अब धारा 3(2) (V) लगाई गई है, जिसमें उम्रकैद के साथ जुर्माने का भी प्रविधान है। जबकि, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1) (R) में पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रविधान है।
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