आत्महत्या के पांच दिन बाद भी नहीं हुआ आईपीएस पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम, परिवार ने नहीं दी सहमति, बोले-पहले आरोपित अफसरों की गिरफ्तारी हो
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला गरमा गया है। परिवार ने अभी तक पोस्टमार्टम की सहमति नहीं दी है और आरोपित अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में कुछ अधिकारियों पर जातीय भेदभाव का आरोप लगाया था। उनकी पत्नी ने एफआईआर में संशोधन की मांग की है और दलित संगठन भी परिवार के समर्थन में आ गए हैं।

आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के आइपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। देश की कई बड़ी पार्टियों के नेता आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं। कई नेता तो शनिवार को पूरन कुमार के सेक्टर-24 स्थित घर भी पहुंचे। वहीं, आत्महत्या के पांच दिन बाद भी परिवार ने पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम करने पर सहमति नहीं जताई। हालांकि पुलिस ने शव को सेक्टर-16 के अस्पताल से पीजीआइ शिफ्ट कर दिया था।
डाॅक्टरों और फारेंसिक विशेषज्ञों के साथ वीडियोग्राफी करने वाली टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। पीजीआइ में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी, लेकिन परिवार को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने काफी नाराजगी जताई। इसलिए परिवार का कोई भी सदस्य पीजीआइ नहीं पहुंचा। ऐसे में परिवार की सहमति न मिलने की वजह से शनिवार को भी पूरन के शव का पोस्टमार्टम टाल दिया गया।
सात अक्टूबर को वाई पूरन कुमार ने अपने घर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने मरने से पहले आठ पन्नों का एक फाइनल नोट लिखा था जिसमें उन्होंने हरियाणा के 14 आइपीएस-आएएस अफसरों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने विशेषकर मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी रोहतक रहे नरेंद्र बिजारणिया पर जातीय भेदभाव के आरोप लगाए। पूरन कुमार ने जातीय भेदभाव से तंग आकर खुदकुशी कर ली।
आरोपिताें की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा परिवार
पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी कुमार भी हरियाणा की सीनियर आइएएस अधिकारी हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आरोपित अधिकारियों को गिरफ्तार नही किया जाएगा तब तक पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा। उनके साथ कई संगठन भी खड़े हो गए हैं। शनिवार को कई दलित संगठनों के नेताओं ने उनके परिवार से मुलाकात की। पीड़ित परिवार और अनुसूचित जाति समाज के लोगों की 31 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है जो रविवार को सेक्टर-20 स्थित गुरुद्वारे में मीटिंग करेगी। इस दौरान डीजीपी शत्रुजीत कपूर और आइपीएस नरेंद्र बिजारणिया को गिरफ्तारी की माग उठाई जाएगी।
एफआईआर से संतुष्ट नहीं पीड़ित परिवार
पुलिस ने पूरन कुमार की पत्नी की शिकायत पर वीरवार देर रात एफआईआर दर्ज कर ली थी। हालांकि एफआईआर के कालम नबर-7 में किसी भी आरोपित का स्पष्ट रूप सेे नहीं लिखा गया था। इसलिए पूरन कुमार की पत्नी ने एफआईआर में संशोधन की मांग भी रखी गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।