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    युवाओं-किसानों पर जोर व गरीबों को कई योजनाएं, नायब सरकार ने हर क्षेत्र में की बढ़ोतरी; किस मंत्री को मिले कितने पैसे?

    Updated: Fri, 21 Mar 2025 08:45 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने 2023-24 के बजट में शिक्षा खेल और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। इस बजट में शिक्षा और खेल के लिए 22312 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं को बढ़ावा देना है। बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी बड़ी राशि आवंटित की गई है।

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    शहरों के साथ-साथ गांवों के विकास पर सीएम नायब का जोर।

    सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने साल 2025-26 के बजट में गांवों और शहरों के विकास के साथ-साथ ढांचागत सुधारों के लिए दिल खोलकर बजट का प्रविधान किया है। प्रदेश सरकार का फोकस जहां गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ संबंधित पात्र लोगों को देने पर रहने वाला है।

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    वहीं प्रदेश की सड़कों की हालत तथा सिंचाई व्यवस्था में सुधार सरकार के प्राथमिक एजेंडे पर है। स्कूलों में बच्चों की गुणवत्तापरक पढ़ाई तथा खेल के मैदान पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी तैयार करने को लेकर भी सरकार काफी चिंतित है। इन दोनों क्षेत्रों के लिए सरकार ने दोनों हाथों से पैसे देने की तैयारी कर ली है।

    खेतों तक पानी पहुंचाने पर फोकस

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस साल 2 लाख 5 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जो कि अब तक का सबसे बड़ा बजट है।

    खेल और शिक्षा के क्षेत्र में पहली बार 22 हजार 312 करोड़ रुपये के बजट का इंतजाम कर सरकार ने संकेत दे दिया है कि वह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को धरातल पर लागू करने के लिए तैयार है तथा भविष्य के ओलिंपियन तैयार करने में वह किसी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

    मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हाल ही में विधानसभा में जानकारी दी थी कि उनकी सरकार ने टेल के अंतिम छोर तक नहरों में पानी पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। इस पर सिंचाई एवं जल संसाधन की मद में सरकार ने 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक भारी भरकम बजट की व्यवस्था की है।

    नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की ओर से नई कॉलोनियों को तैयार करने, पुरानी कॉलोनियों में सुविधाएं विकसित करने की मद में करीब 6 हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पर सवा सात हजार करोड़ रुपये के साथ ही गांवों व शहरों की सड़कों की हालत में सुधार पर 5 हजार करोड़ रुपये अलग से खर्च किए जाने का प्रविधान किया गया है।

    जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग को पानी की व्यवस्था करने के साथ ही सीवरेज प्रणाली दुरुस्त करने व पाइप लाइन बिछाने को 5 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं। हरियाणा सरकार इस बार किसानों पर भी मेहरबान है। खेती व किसानी में सुधारों के लिए 7600 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।

    नागरिक सुरक्षा की सेवाओं पर सरकार देगी ध्यान

    राज्य सरकार सिविल डिफेंस यानी नागरिक सुरक्षा की सेवाओं को लेकर भी इस बार काफी गंभीर है। गृह विभाग व नागरिक सुरक्षा सेवाओं की मदद में 8300 करोड़ रुपये खर्च किए जाने वाले हैं। इस राशि से महिलाओं की सुरक्षा व व्यापारियों की राहत के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे तक लगाने का प्रविधान है।

    सामाजिक सुरक्षा, अनुसूचित जाति कल्याण और पिछड़े वर्ग के हितों की योजना पर सरकार ने अपने खजाने गरीब के घर की तरफ खोल दिए हैं। इस बार के बजट में इस मद में साढ़े 16 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जबकि युवा कल्याण पर अलग से 1375 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं।

    बिजली सुधारों पर रहेगा इस बार खास फोकस

    हरियाणा सरकार इस बार बिजली सुधारों को लेकर भी गंभीर है। राज्य का लाइन लास 35 प्रतिशत से घटाकर साढ़े 10 प्रतिशत पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ला चुके हैं। अब इसे और भी कम किया जाएगा। राज्य सरकार धीरे-धीरे सौर ऊर्जा की तरफ मुड़ रही है।

    बिजली विभाग के लिए 6400 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। पर्यावरण सुधार व वन्य प्राणी संरक्षण क्षेत्र के लिए 715 करोड़ रुपये की व्यवस्था सरकार की इसके प्रति गंभीरता की तरफ इशारा कर रही है।

    सामाजिक सेवाओं के प्रति सरकार का उदार मन

    हरियाणा सरकार के कुल बजट का 32.84 प्रतिशत पैसा शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण और जनस्वास्थ्य जैसी सामाजिक सेवाओं पर खर्च किया जाएगा। कृषि, परिवहन और ग्रामीण विकास सहित अन्य आर्थिक सेवाओं पर बजट का 21.53 प्रतिशत हिस्सा खर्च होगा।

    प्रशासनिक सेवाओं तथा पेंशन जैसी सामान्य सेवाओं पर 15.37 प्रतिशत पैसा खर्च करने का प्रविधान है। कुल बजट का 30.26 प्रतिशत हिस्सा ऋणों के भुगतान पर खर्च किया जाएगा, जिसमें मूलधन 17.46 प्रतिशत और 12.80 प्रतिशत ब्याज शामिल है।

    हरियाणा सरकार के मंत्रियों को ऐसे मिला उनके विभागों का पैसा

    • 1. कृषि एवं संबद्ध सेवाएं - (मंत्री श्याम सिंह राणा) - 7,600.37 करोड़
    • 2. पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव तथा जलवायु परिवर्तन - (मंत्री - राव नरबीर) - 714.89 करोड़
    • 3. सहकारिता - (मंत्री - डा. अरविंद शर्मा) - 1,254.97 करोड़
    • 4. शिक्षा एवं खेल - (मंत्री महीपाल ढांडा और गौरव गौतम) - 22,312.46 करोड़
    • 5. युवा सशक्तीकरण एवं उद्यमिता विभाग (कौशल विकास एवं औद्योगिकप्रशिक्षण, रोजगार) - (मंङी गौरव गौतम) - 1,372.10 करोड़
    • 6. स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण, आयुष,ईएसआइ, खाद्य एवं औषधि -(मंत्री - आरती सिंह राव) - 10,539.96 करोड़
    • 7. गृह, नागरिक सुरक्षा एवं कारागार (मुख्यमंत्री नायब सैनी) - 8,315.30 करोड़
    • 8. ऊर्जा - (मंत्री-अनिल विज) - 6,379.63 करोड़
    • 9. सामाजिक न्याय सशक्तीकरण, अनुसूचित जातियों एवं पिछड़े वर्गों का कल्याण एवं अंत्योदय (सेवा) - (मंत्री -कृष्ण बेदी) - 16,650.78 करोड़
    • 10. महिला एवं बाल विकास - (मंत्री - श्रुति चौधरी) - 2,101.55 करोड़
    • 11. विकास एवं पंचायत और ग्रामीण विकास - (मंत्री कृष्ण लाल पंवार) - 7,313.98 करोड़
    • 12. परिवहन एवं नागरिक उड्डयन - (मंत्री अनिल विज और विपुल गोयल) -3,904.73 करोड़
    • 13. नगर एवं ग्राम नियोजन और शहरी स्थानीय निकाय - (मुख्यमंत्री नायब सैनी और विपुल गोयल) - 5,911.95 करोड़
    • 14. उद्योग एवं वाणिज्य और एमएसएमई - (मंत्री राव नरबीर) - 1,848.13 करोड़
    • 15. सिंचाई एवं जल संसाधन - (मंत्री श्रुति चौधरी) - 6,024.72 करोड़
    • 16. जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी - (मंत्री रणबीर गंगवा) - 4,950.96 करोड़
    • 17. लोक निर्माण (सड़क एवं पुल) - (मंत्री रणबीर गंगवा) - 4,830.73 करोड़
    • 18 राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, अग्निशमन सेवाएं, भूमि अभिलेख और समेकन - (मंत्री विपुल गोयल) - 2,866.58 करोड़।

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