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    देख लो! यह है 30 करोड़ का प्रोजेक्ट, पंचकूला के सेक्टर 19 में ओवरब्रिज पर गड्ढे

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 07:42 PM (IST)

    पंचकूला में 30 करोड़ की लागत से बना अंडरपास और ओवरब्रिज लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बारिश के कारण अंडरपास में पानी भर जाता है जिससे वह बंद हो जाता है और ओवरब्रिज पर गड्ढे होने के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। हर साल बरसात में यही स्थिति होती है जिससे लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ता है।

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    30 करोड़ का प्रोजेक्ट : सेक्टर-19 अंडरपास की दीवारों से रिस रहा पानी पानी, ओवरब्रिज पर गड्ढे

    राजेश मलकानियां, पंचकूला।  लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से तैयार सेक्टर-19 का अंडरपास और ओवरब्रिज दो साल में ही लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। बरसात आते ही अंडरपास पानी से लबालब भर जाता है और कई दिनों तक बंद रहता है। मजबूरी में हजारों वाहन चालकों को ओवरब्रिज से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन वहां भी जगह-जगह पड़े गड्ढों ने लोगों की परेशानी दोगुनी कर दी है।

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    दो साल पहले बड़े दावों और उम्मीदों के साथ शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट आज सवालों के घेरे में है। अंडरपास और ओवरब्रिज दोनों ही जगहों पर मूलभूत समस्याएं बनी हुई हैं। लोग अब यह पूछ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद बरसात में यह क्यों ठप हो जाता है।

    हर बारिश में डूबता अंडरपास

    सेक्टर-19 अंडरपास की स्थिति हर साल बरसात के मौसम में बिगड़ जाती है। दीवारों से रिसाव और चारों तरफ से पानी का जमाव इसकी मजबूती पर सवाल खड़े कर रहा है। अंडरपास के ऊपर रेलवे लाइन गुजरती है और आसपास की खाली पड़ी जगह से रिसकर पानी सीधे दीवारों तक पहुंच रहा है। नतीजतन अंडरपास बंद करना पड़ता है और लोगों को लंबा चक्कर लगाकर ओवरब्रिज से जाना होता है।

    जाम में फंसती जिंदगी

    अंडरपास बंद होने से सुबह और शाम के समय अभयपुर इंडस्ट्रियल फेस-1 तक वाहनों का लंबा जाम लग जाता है। रोजाना हजारों लोग इसी रास्ते से गुजरते हैं। सेक्टर-19, बलटाना, ढकोली और जीरकपुर की ओर जाने वाले वाहन चालकों को घंटों की देरी झेलनी पड़ती है। पैदल जाने वालों को भी रास्ता बदलना पड़ता है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि जब भी तेज बारिश होती है, यही हालात बन जाते हैं। अंडरपास पर पानी रोकने के लिए शेड जरूर बनाए गए हैं, लेकिन वे पूरी तरह कारगर साबित नहीं हुए।

    ओवरब्रिज पर जानलेवा गड्ढे

    इसी प्रोजेक्ट के तहत बने ओवरब्रिज की सड़क भी कई जगह से अब टूटी-फूटी नजर आती है। बीच में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिनसे दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा खतरा है। बारिश के दौरान इन गड्ढों में पानी भर जाने से हादसों की आशंका और बढ़ जाती है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि करोड़ों खर्च करने के बावजूद प्रोजेक्ट की गुणवत्तापूर्ण देखभाल क्यों नहीं हो रही।

    जनता का आक्रोश

    स्थानीय लोगों का कहना है कि अंडरपास और ओवरब्रिज शहर के लिए जीवन रेखा की तरह हैं। इसके बावजूद विभागों की अनदेखी से हर साल वही परेशानी सामने आती है। एक निवासी ने कहा – “30 करोड़ खर्च करने के बाद भी न पानी निकासी की स्थाई व्यवस्था हुई, न सड़क की सही मरम्मत। पैचवर्क कर जिम्मेदारी पूरी मान ली जाती है।

    अधिकारी और मेयर का जवाब भी पढ़ लो

    पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन आशीष चौहान का कहना है कि ओवरब्रिज पर जो गड्ढे पड़ गए हैं, उनका जल्द ही पैचवर्क करवा दिया जाएगा, ताकि लोगों को परेशानी न हो। वहीं मेयर कुलभूषण ने कहा कि अंडरपास से पानी निकालने के लिए लगातार मोटरें लगी हैं। बरसात में लोगों को दिक्कत आती है, जिसका स्थाई हल जल्द निकाला जाएगा।

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