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    Panchkula Suicide Case: एक साथ जली सात चिताएं, कर्ज में डूबे परिवार का दुखद अंत; चश्मदीद ने बताई दिल दहलाने वाली कहानी

    Updated: Tue, 27 May 2025 10:22 PM (IST)

    Panchkula car suicide पंचकूला में कर्ज में डूबे एक परिवार के 7 लोगों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मनीमाजरा के श्मशान घाट में एक साथ सात चिताएं जलीं। पुलिस के अनुसार परिवार के सदस्य पंचकूला सेक्टर 27 में एक कार के अंदर मृत पाए गए। स्थानीय लोगों ने घटना की दिल दहलाने वाली कहानी सुनाई है।

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    एक ही परिवार के 7 लोगों ने की सुसाइड (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। कर्ज में डूबे एक परिवार की कहानी का दुखद अंत हुआ। हर कोई इस घटना से सहमा हुआ है। मंगलवार बाद दोपहर एक साथ सात चिताएं मनीमाजरा के श्मशाम घाट में जली। लोगों की आंखें नम थी। पंचकूला सेक्टर 27 में एक कार के अंदर तीन बच्चों समेत एक परिवार के छह सदस्य मृत पाए गए, जबकि एक अन्य की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।

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    कार को सोमवार देर शाम एक राहगीर ने देखा कि जिसने अंतिम बार मरने वाले परिवार के सदस्य से कुछ बातें भी कीं। पुलिस ने मृतक की पहचान प्रवीण मित्तल पुत्र देशराज मित्तल (41), रीना गुप्ता पत्नी प्रवीण मित्तल (35), बिमला देवी पत्नी देशराज मित्तल, हार्दिक पुत्र प्रवीन मित्तल (14), ध्रुविका मित्तल पुत्री प्रवीन मित्तल (9), डैलिसा पुत्री प्रवीन मित्तल के रुप में कही। देहरादून पंजीकरण संख्या वाली कार पंचकूला के सेक्टर 27 में एक आवासीय क्षेत्र में सड़क के किनारे खड़ी मिली थी।

    स्थानीय लोगों ने क्या बताया?

    स्थानीय निवासी पुनीत राणा ने बताया कि वह एक अन्य व्यक्ति के साथ टहलने गए थे और उन्होंने रात करीब 10 बजे कार को देखा, जिसके एक दरवाजे से तौलिया लटका हुआ था। उन्होंने कार को खुला पाया और एक दरवाजा खोला। अंदर बैठे व्यक्ति ने उन्हें बताया कि पंचकूला में बागेश्वर धाम कार्यक्रम से लौटते समय उन्हें होटल में कमरा नहीं मिल पाया था और इसलिए, वह और उनका परिवार कार में सो रहे थे।

    जब उन्होंने कार की खिड़की की ओर टॉर्च घुमाई तो देखा कि छह लोग उल्टी के साथ एक-दूसरे पर बेसुध पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि सातवां व्यक्ति, जिससे वे बात कर रहे थे, सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहा था। उनका संदेह और गहरा गया, राहगीर ने उस व्यक्ति की मदद की, उसे पानी पिलाया और पूछा कि क्या उसने कार में बैठे अन्य लोगों को मार दिया है।

    उसने मुझे बताया कि उसके परिवार के सभी सदस्यों ने आत्महत्या कर ली है और वह भी पांच मिनट में मरने वाला है। फिर वह बेहोश हो गया। बेहोश होने से पहले उसने कहा कि उस पर बैंकों का बहुत सारा पैसा बकाया है। उसने कहा कि उनके रिश्तेदार अमीर हैं, लेकिन वे मदद नहीं कर रहे हैं। हालांकि पुलिस काफी जल्दी मौके पर पहुंच गई, लेकिन एंबुलेंस को पहुंचने में करीब 40 मिनट लग गए।

    डीसीपी ने कहा- यह आत्महत्या का मामला

    पंचकूला के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हिमाद्री कौशिक ने कहा कि प्रथम दृष्टया, यह आत्महत्या का मामला लगता है। हालांकि, आगे की जांच जारी है। उन्होंने बताया कि कार में सवार छह लोगों को निजी अस्पताल ले जाया गया, जबकि एक को सिविल अस्पताल ले जाया गया। सभी सात लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मौत का कारण जहर लग रहा है।

    पंचकूला के डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने कहा, "हम मामले की हर पहलू से जांच कर रहे हैं। हम इलाके के लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस मृतक के सोशल मीडिया अकाउंट और उनके बैंक ट्रांजैक्शन की भी जांच कर रही है।

    प्रवीण मित्तल के ससुर राकेश ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में तब पता चला जब पुलिस सुबह 4 बजे पिंजौर में उनके घर पहुंची। उन्होंने कहा कि वह कुछ समय से परिवार के संपर्क में नहीं थे, हालांकि पहले वह पैसे से उनकी मदद करते थे। यह पूछे जाने पर कि सोमवार शाम को परिवार कहां था, उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया है कि वे पंचकूला में बागेश्वर धाम कार्यक्रम में गए थे।"

    15-20 करोड़ का था कर्ज

    उन्होंने कहा कि परिवार पंचकूला के सकेतड़ी इलाके में रह रहा था। लुधियाना में रहने वाले संदीप अग्रवाल ने बताया कि उनके चचेरे भाई प्रवीण मित्तल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और जब भी वे मदद की पेशकश करते थे, तो वे मना कर देते थे। उन्होंने कहा कि अपनी मृत्यु के समय, मित्तल अपना खर्च चलाने के लिए टैक्सी चला रहे थे। अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने उन्हें बताया कि उनके चचेरे भाई ने उनके लिए एक नोट छोड़ा है।

    उन्होंने कहा, "नोट में लिखा है कि मुझे सूचित किया जाना चाहिए और अंतिम संस्कार करने के लिए कहा जाना चाहिए और उनके ससुर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।" अग्रवाल ने कहा कि एक समय पर, मित्तल पर कुल 15 से 20 करोड़ रुपये का कर्ज था, "लेकिन यह एक पुराना मामला था" और बैंकों ने इसे निपटाने के लिए जो कुछ भी हो सकता था, जब्त कर लिया था। अग्रवाल ने कहा कि उनके चचेरे भाई 10 साल पहले किसी को बताए बिना देहरादून चले गए थे।

    उन्होंने कहा, "छह साल पहले, हमें एक फोन आया कि वे वहां रह रहे हैं।" उन्होंने कहा, "एक साल पहले वे पंजाब के खरड़ में आ गए थे। प्रवीण को वहां किराया चुकाना मुश्किल हो गया और वह कुछ समय के लिए अपने ससुर के घर रहने के लिए पिंजौर चले गए। लेकिन उनकी आपस में नहीं बनती थी और फिर परिवार सकेतरी चला गया।" अग्रवाल ने कहा कि जब उन्हें फोन पर मौत की सूचना मिली तो वह चौंक गए।

    उन्होंने कहा, "शुरू में मुझे लगा कि यह शरारती कॉल है।" दहिया ने कहा कि पांच पुलिस टीमें गठित की गई हैं, जिनमें से एक-एक टीम को जांच के लिए देहरादून और पिंजौर भेजा गया है। इस बीच, उत्तराखंड के देहरादून में पुलिस ने कहा कि आठ-नौ महीने पहले तक परिवार शहर में किराए के मकान में रहता था।

    देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह बिष्ट ने कहा कि परिवार शहर के कौलागढ़ इलाके में रहता था। उन्होंने कहा कि जिस कार में मृतक मिले, वह देहरादून के मालदेवता इलाके के निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत है। नेगी ने पुलिस को बताया कि वह मित्तल को तब जानते थे जब वह वाइल्डलाइफ केयर मिशन नामक एक गैर सरकारी संगठन के लिए काम करते थे।