हरियाणा: गोसाईं समाज को OBC में शामिल करने की तैयारी, आयोग को पत्र लिखकर नायब सरकार करेगी अनुशंसा
हरियाणा सरकार गोसाईं समाज को ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए ओबीसी आयोग को सिफारिश करेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर कई घोषणाएं कीं जिनमें कुरुक्षेत्र में धर्मशाला के लिए 31 लाख रुपये और छात्रों का सम्मान शामिल है। उन्होंने कहा कि तुलसीदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। गोसाईं समाज को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए हरियाणा सरकार ओबीसी आयोग को पत्र लिखकर अनुशंसा करेगी। प्रदेश में किसी एक चौक का नाम तथा हिसार में स्थापित किए जाने वाले बड़े पुस्तकालय का नामकरण गोस्वामी तुलसीदास के नाम पर रखा जाएगा।
गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर शुक्रवार को संत कबीर कुटीर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र में निर्माणाधीन गोस्वामी समाज सभा की धर्मशाला के लिए 31 लाख रुपये देने की घोषणा की। साथ ही दसवीं और बारहवीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले गोस्वामी समाज के विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तुलसीदास की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उनका साहित्य केवल भारत ही नहीं, बल्कि सारी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हमें उनके आदर्शों को जीवन में अपनाकर आदर्श समाज निर्माण की दिशा में कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाया है। ओबीसी वर्ग को अब मेडिकल एजुकेशन, सैनिक स्कूलों, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों में दाखिले में आरक्षण का लाभ दिया गया है। प्रदेश सरकार ने भी राज्य में पिछड़े वर्गों के उत्थान-कल्याण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। पिछड़ा वर्ग की क्रीमी लेयर आय सीमा को छह लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये वार्षिक किया है।
पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग (ए) को आठ प्रतिशत व पिछड़ा वर्ग (बी) को पांच प्रतिशत आरक्षण और पंच पद के लिए उनकी जनसंख्या के 50 प्रतिशत के अनुपात में आरक्षण दिया है। शहरी स्थानीय निकायों में भी पिछड़ा वर्ग बी को मेयर या प्रधान के पदों में पांच प्रतिशत तथा सदस्यों के लिए संबंधित पालिका में उनकी जनसंख्या के 50 प्रतिशत के अनुपात में आरक्षण दिया है।
पिछडे वर्गों के तीन लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों की देश में पढ़ाई के लिए 15 लाख रुपये तथा विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया जाता है। 'डा. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना' के तहत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए आठ हजार रुपये वार्षिक तक की छात्रवृत्ति दी जाती है।
कांग्रेस ने अंग्रेजों से भी अधिक अत्याचार किया
मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया कि देश की आजादी से पहले अंग्रेज जिस प्रकार शोषण व अत्याचार करते थे, उससे भी बड़ा अत्याचार पिछले 55 सालों में कांग्रेस ने किया है। इन 55 सालों में जिस गति से देश आगे बढ़ना चाहिए था, उस गति से नहीं बढ़ा।
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